उत्तराखंड में इस बार बिजली दरों का ऐलान टलता नजर आ रहा है। मार्च अंतिम सप्ताह में नई बिजली दरों की होने वाली घोषणा अब चुनाव बाद जाकर होगी। नई दरों का असर राज्य के 28 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग हर साल बिजली दरों का ऐलान करता है। ये दरें एक अप्रैल से लागू होती हैं जो अगले साल के लिए 31 मार्च तक लागू रहती हैं। एक अप्रैल से लागू होने वाली दरों का ऐलान हमेशा 28 मार्च के आसपास होता है। इस बार लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है। उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को सभी पांचों सीटों के लिए मतदान होना है। ऐसे में नई दरों का ऐलान उपभोक्ताओं को प्रभावित न करे, इसके लिए पूरी प्रक्रिया होने के बावजूद दरों को जारी नहीं किया जाएगा।
यदि दरों को चुनाव के बाद जारी किया जाएगा, तो उपभोक्ताओं को बाद में बिजली बिलों में बढ़ी हुई दरों का भुगतान मई के बिल में एरियर के रूप में करना पड़ेगा।विद्युत नियामक आयोग पर निर्भर है कि वो दरों को कब जारी करता है। यदि दरें अपने तय समय पर जारी होती हैं, जिसकी संभावना न के बराबर है, तो एक अप्रैल से ही उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई दरों का करंट लगेगा। चुनाव बाद घोषणा होने पर एरियर का भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।