देहरादून, 24 अप्रैल। पद्मश्री डॉ० बसंती देवी बिष्ट ने जागर गाकर उत्तराखंड की संस्कृति से छात्र-छात्राओं को रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि जागर के बिना जिंदगी बेरंग है।
डॉ० बसंती देवी बिष्ट आज ग्राफिक एरा में छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोकगीतों व लोक कथाओं में श्री कृष्ण का महत्वपूर्ण उल्लेख है। पीढ़ियों से चलते आ रहे जागरों में भी वे विद्यमान है। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण के जन्म, कंस के अत्याचारों व अन्य घटनाओं का जिक्र भी जागरों में किया गया है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को जाकर गाकर सुनाया और उत्तराखंड की संस्कृति को आगे बढ़ाने का आवाहन किया। डॉ० बसंती देवी बिष्ट ने इन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को संस्कृत से जोड़ने के लिए ग्राफिक एरा को साधुवाद दिया।
इस अवसर पर कुलपति डॉ० संजय जसोला ने कहा कि जागर ने लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का काम किया है।
यह कार्यक्रम मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर के संगीत नाटक अकादमी ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सहयोग से किया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के एचओडी, शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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