दून में बढ़ती आबादी के साथ भूजल पर निर्भरता 90 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जरूरतों की पूर्ति के लिए हम भूजल का जमकर दोहन तो कर रहे हैं, लेकिन भूजल रीचार्ज कैसे होगा, इसको लेकर चिंता कम ही है।
ऐसे में कल के लिए जल को बचाने की दिशा में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने बड़ा कदम बढ़ाया है। एमडीडीए उपाध्यक्ष ने सभी निजी विद्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संग्रहण) की अनिवार्यता कर दी है। आदेश के अनुपालन के लिए स्कूल प्रबंधन को छह माह का समय दिया गया है।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के आदेश के मुताबिक, जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण की तेज रफ्तार में जल की मांग बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि, इसका एक प्रतिकूल असर यह देखने को मिल रहा है कि भूजल पर निर्भरता बढ़ गई है और इसके अनुपात में रीचार्ज और प्रबंधन को लेकर अपेक्षित प्रयास अभी भी कम हैं।