मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड सदन, नई दिल्ली से वर्चुअल रूप से चम्पावत में आयोजित ‘सेलिब्रेटिंग एप्पल हार्वेस्ट’ कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने “उन्नति एप्पल परियोजना” की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि यह सामूहिक प्रयासों से कृषि परिवर्तन को बढ़ावा देने का उत्कृष्ट उदाहरण है। हाई डेन्सिटी प्लांटेशन तकनीक से लगाए गए 100 सेब के बगानों से 20 माह में ही फलों का उत्पादन होने को सेब की खेती के लिए शुभ संकेत बताया।
मुख्यमंत्री ने इस परियोजना में कोका-कोला इंडिया और इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (आईडीएचटी) की महत्वपूर्ण साझेदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना ने किसानों को उन्नत रोपण सामग्री, अच्छे कृषि अभ्यासों (जीएपी) में प्रशिक्षण, और आधुनिक बुनियादी ढ़ांचे तक पहुंच प्रदान की, जिससे सेब उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की जलवायु कीवी, अखरोट, नाशपाती, प्लम, खुमानी, और पैशन फ्रूट की खेती के लिए अनुकूल है, और चम्पावत क्षेत्र इन फलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त माना जाता है। राज्य सरकार प्रदेश में फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रही है और एप्पल मिशन के तहत सेब बागान लगाने वाले किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। नई सेब नीति के अंतर्गत आठ वर्षों में पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की अति सघन बागवानी का लक्ष्य रखा गया है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में सेब का सालाना टर्नओवर ₹200 करोड़ से बढ़ाकर ₹2000 करोड़ करना है।
उन्होंने यह भी बताया कि फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत किसानों को 80 फीसदी तक सब्सिडी पर कृषि उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और सतत् कृषि योजना के तहत खाद्यान्न, मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी में बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। पशुधन बीमा योजना के तहत पशु बीमा से किसानों को पशुओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर होने वाली हानि से बचाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में प्रदेश प्रवक्ता भाजपा सुरेश जोशी, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, ब्लॉक प्रमुख चंपावत रेखा देवी, विनीता फर्त्याल, सुमनलता, और अन्य प्रगतिशील किसान भी उपस्थित थे।