J&K सेब उत्पादन- टूटा 3 साल का रिकॉर्ड, 15 लाख मीट्रिक टन उत्पादन, छह हजार करोड़ का हो चुका करोबार

J&K सेब उत्पादन- टूटा 3 साल का रिकॉर्ड, 15 लाख मीट्रिक टन उत्पादन, छह हजार करोड़ का हो चुका करोबार

जम्मू-कश्मीर में इस साल सेब के उत्पादन ने 3 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस साल की फसल में 15 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हो चुका है। सेब से अब तक छह हजार करोड़ का करोबार हो चुका है और मार्च तक सात हजार करोड़ तक होने की उम्मीद है।  

भारत विश्व सेब उत्पादन में सातवें स्थान पर है और सभी फलों में केवल 3% की हिस्सेदारी है। अकेले जम्मू-कश्मीर में देश का लगभग 80% सेब का उत्पादन होता हैं। जम्मू-कश्मीर में सेब उत्पादन से कारोबार ने पिछले तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। J&K से पिछले साल दस लाख मीट्रिक टन (एमटी) सेब बाहरी प्रदेशों को भेजा गया था। इस साल अभी तक 15 लाख एमटी J&K से सेब मंडियों में भेजा चुका है। इस साल के सीजन का कारोबार सात हजार करोड़ तक होने की उम्मीद है।

वर्ष 2020 में चार हजार करोड़ का 10 लाख एमटी सेब बाहरी प्रदेशों में भेजा गया था। 2018 में 12 लाख एमटी जबकि 2019 में 14 लाख मीट्रिक टन सेब मंडियों में पहुंचा था। बागवानी योजना एवं विपणन विभाग अभी तक 15 लाख एमटी सेब भेज चुका है। इस साल कोविड संक्रमण के दौरान भी कारोबार प्रभावित नहीं हुआ है। 

समय पर उचित रखररखाव किया गया था। अब कोल्ड स्टोरों के माध्यम से भी सेब को सुरक्षित किया गया है। इस साल से कोल्ड स्टोर की सुविधा प्रदेश भर में दी गई है। इस कारण बागवानों की फसल सुरक्षित है। मार्च माह तक रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल किया जाएगा। 

खूब बीने वाली प्रजातियां

जम्मू-कश्मीर से हजरत बली, गाला मस्त, कंडीसन, रजातबाड़ी, अमरी गोल्डन, रायल डिलिशियस, रेड डिलीशियस समेत अन्य प्रजातियों को भेजा जा रहा है। इन प्रजातियों की मांग बाहरी प्रदेशों में सबसे ज्यादा है। मिठास ज्यादा होने के कारण भी सेब काफी बिकता है। 

इस बार सेब की सप्लाई तीन साल में सबसे ज्यादा रही है। इस साल मार्च माह तक सेब की आपूर्ति 17 लाख मीट्रिक टन के करीब होने के आसार हैं। अभी तक 15 लाख एमटी सेब भेजा जा चुका है। 
सोर्स: दिग्विजय सिंह, संयुक्त निदेशक, बागवानी योजना एंड विपणन विभाग

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