दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आबादी का दबाव कम करने के मकसद से सरकार ने देहरादून और हरिद्वार को काउंटर मैग्नेट एरिया घोषित कर दिया है। इससे इलाज, रोजगार, शिक्षा, खेल के लिए दिल्ली की तरफ लोगों का पलायन रूकेगा।
दिल्ली जैसी सुविधाएं दी जाएंगी
आपको बता दें कि शिक्षा, रोजगार, इलाज के लिए दिल्ली जाने वालों को देहरादून और हरिद्वार में ही दिल्ली जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इन शहरों में सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा, शिक्षा, रेलवे कनेक्टिविटी आदि आधारभूत सुविधाएं दिल्ली जैसी ही उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।
केंद्र सरकार और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड देगा वित्तीय सहायता
मैग्नेट सिटी के विकास के लिए केंद्र सरकार और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड धनराशि उपलब्ध करवाते हैं। इसमें कुछ राशि कम ब्याज दर पर ऋण के रूप में मिलेगी। कुछ राशि मैचिंग ग्रांट के आधार पर अनुदान के रूप में मिलेगी। शहरों का व्यवस्थित विकास होने के साथ ही ऊंचे दर्जे का इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।
देश में ये हैं काउंटर मैग्नेट सिटी
हिसार (हरियाणा), बरेली (उत्तर प्रदेश), कोटा (राजस्थान), पटियाला (पंजाब), ग्वालियर (मध्य प्रदेश) को काउंटर मैग्नेट सिटी घोषित किया जा चुका है। मैग्नेट सिटी के अधीन वे शहर हैं, जो दिल्ली से 100 से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
काउंटर मैग्नेट सिटी बनाने के लिए जरूरी शर्तें
काउंटर मैग्नेट सिटी बनाने के लिए कई जरूरी शर्तें हैं जैसे कि शहर का आकार और स्थिति, जनसंख्या वृद्धि, जनसंख्या घनत्व, उस शहर तक पहुंच, कॉरिडोर में लोगों के आने-जाने का फ्लो आदि को ध्यान में रखा जाता है। फिर राज्य सरकार से सलाह के बाद ही किसी शहर को काउंटर मैग्नेट सिटी का दर्जा दिया जाता है।