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मानवीय संवेदना के चितेरे प्रेमचंद, गढ़वाल विश्वविद्यालय में मुंशी प्रेमचंद जयंती मनाई गई

मानवीय संवेदना के चितेरे प्रेमचंद, गढ़वाल विश्वविद्यालय में मुंशी प्रेमचंद जयंती मनाई गई

दिनांक 31 जुलाई 2024 को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ़वाल) के हिंदी विभाग में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और वक्ता प्रोफेसर रचना बिमल, सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय ने आभासीय माध्यम से प्रेमचंद के साहित्य में मानवीय संवेदना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद ने मानव को दिशा दिखाने के लिए साहित्य की रचना की, उन्होंने आगे कहा कि उनके साहित्य में पशुओं की संवेदना मानव से बढ़कर सामने आती है। 

हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गुड्डी बिष्ट पंवार ने प्रेमचंद को कालजयी साहित्यकार कहते हुए आज के समय में उनकी साहित्य की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कला संकायाध्यक्ष प्रोफेसर मंजुला राणा ने कहा कि प्रेमचंद ने विचारधाराओं का निर्माण किया। 

इस अवसर पर हिंदी विभाग के शोधार्थियों और छात्र/छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। शोधार्थी प्रमोद, राकेश सिंह ने प्रेमचंद की कहानियों के माध्यम से ग्रामीण परिवेश और भारतीय किसानों की दयनीय दशा को रेखांकित किया। अंत में डॉ० अनूप सेमवाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन शोध-छात्रा रेशमा पंवार ने किया। 

इस अवसर पर विभाग के शोध छात्र नवीन, कोमल, आनंद, सुनीता शर्मा, पारुल आर्य आदि शोधार्थी तथा विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।

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