आज दून पुस्तकालय प्रेक्षागृह में ‘उत्तराखण्डी सिनेमा,न दिशा, दशा एवं भविष्य तथा समस्या और समाधान’ विषय पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार आयोजित किया गया। इस सेमिनार में छात्रों द्वारा उत्तराखण्डी फिल्म उद्योग पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी एवं संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय ने बताया कि राज्य सरकार ने फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए हाल ही में फिल्म नीति 2024 लागू की है, जिसकी देशभर में सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि कई फिल्म निर्माता उत्तराखण्ड में अपनी फिल्मों की शूटिंग कर रहे हैं, और राज्य की स्थानीय भाषाओं—गढ़वाली, कुमाऊंनी, और जौनसारी—में फिल्मों के निर्माण में तेजी आई है। राज्य सरकार इन भाषाओं में बनने वाली फिल्मों को 50% अनुदान, जो अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक हो सकता है, प्रदान कर रही है, जिससे स्थानीय फिल्म निर्माताओं को काफी प्रोत्साहन मिल रहा है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म विकास परिषद एक फिल्म रिसोर्स डायरेक्टरी तैयार कर रही है। नई फिल्म नीति को इस तरह से तैयार किया गया है कि राज्य में फिल्म उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बन सके।
समारोह में डॉ. नितिन उपाध्याय को सरकार की ओर से फिल्म नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में फिल्म जगत से जुड़े कई प्रतिष्ठित नाम, जैसे प्रदीप भण्डारी, सुदर्शन शाह, गोपाल थापा, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।