भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने चमोली जिले में ग्वालदम से तपोवन तक 99.2 किलोमीटर लंबी आर्मी सड़क के निर्माण की स्वीकृति दी है। यह सड़क शिवालिक परियोजना के तहत बनाई जाएगी, जिसका जिम्मा बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) को सौंपा गया है। इस सड़क के निर्माण के बाद धारचूला से जोशीमठ चीन सीमा तक की दूरी 65 किलोमीटर कम हो जाएगी, जिससे सेना के वाहनों को लगभग तीन से चार घंटे का समय बचेगा।
इस सड़क का निर्माण ग्वालदम से नंदकेशरी, देवाल, वाण, कनोल, रामणी, झिंझी, इराणी, दुर्मा होते हुए तपोवन तक किया जाएगा। इसके अलावा, ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर लगने वाले जाम से बचने में भी यह सड़क सहायक सिद्ध होगी। इससे न केवल सेना को बल्कि बदरीनाथ धाम आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिलेगी।
स्थानीय क्षेत्र को होगा बड़ा फायदा
थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा ने इस परियोजना की स्वीकृति पर खुशी जाहिर की और कहा कि यह सड़क सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ क्षेत्र के आर्थिक और पर्यटन विकास में भी सहायक होगी। स्थानीय जनता को इस सड़क से सुविधाएं प्राप्त होंगी और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
39 किलोमीटर की नई सड़क का निर्माण
बीआरओ के गौचर कमांड अधिकारी मनोहर कुमार ने बताया कि लोनिवि थराली ने पहले ही ग्वालदम से वाण गांव तक 60 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया है। अब इस सड़क का चौड़ीकरण और सुधारीकरण किया जाएगा, जबकि आगे के 39 किलोमीटर के हिस्से का निर्माण बीआरओ द्वारा किया जाएगा। बीआरओ ने इस सड़क के डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिससे जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू किया जा सकेगा।