देहरादून। सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने विगत दो दिनों से देहरादून राजपुर रोड के कन्या गुरुकुल महाविद्यालय में चल रही जिला स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिताओं का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर जनपद के सभी विकास खंडों से उपस्थित प्रतिभागियों , प्रधानाचार्यों एवं शिक्षक- शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रावण को अपने ज्ञान का अभिमान था ,जबकि श्री राम को अपने अभिमान का ज्ञान था, इसलिए प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने से छात्र-छात्राओं को हार एवं जीत कोई भी मिले समभाव से रहने का स्वभाव प्राप्त होता है, और इससे ही सच्चे मानव का निर्माण होता है।
प्रतियोगिताओं के आयोजन पर जनपद संयोजक राजकीय इंटर कॉलेज सभा वाला के प्रधानाचार्य डॉक्टर गीता राम नौटियाल को भविष्य के लिए आवश्यक सुझाव देते हुए सहायक निदेशक ने कहा कि संस्कृत के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को भी अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग कराया जाए इसलिए संस्कृत अकादमी द्वारा मार्गदर्शन की जिम्मेदारी मुख्य शिक्षा अधिकारी को दी जाती है, और उनके द्वारा यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई जा रही है। इस बीच अपने आदर्श उच्च अधिकारी को अपने बीच पाकर बच्चों में उनके साथ तस्वीर खिंचवाने के लिए होड़ लगी रही।
कार्यक्रम में पहुंचने पर जनपद संयोजक डॉक्टर जी आर नौटियाल ने सहायक निदेशक का धन्यवाद अदा करते हुए उन्हें मुख्य शिक्षा अधिकारी की तरफ से स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट कर फूल माला पहनाते हुए कहा कि उनके द्वारा शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के उत्थान के लिए निरंतर किए जा रहे कार्यों से पूरा शिक्षा जगत गौरवान्वित हो रहा है। मौके पर जनपद सहसंयोजक डॉ मनोज शर्मा, डॉ नवीन भट्ट, प्रोफेसर शैलेंद्र डंगवाल, विनीत कुकसाल, सहित बड़ी संख्या में प्रधानाचार्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।