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4 नवंबर को चंडी घाट पर गंगा उत्सव 2024 का भव्य आयोजन

4 नवंबर को चंडी घाट पर गंगा उत्सव 2024 का भव्य आयोजन

गंगा उत्सव 2024 का आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा 4 नवंबर को हरिद्वार के चंडी घाट पर किया जा रहा है। हरिद्वार के चंडी घाट पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा गंगा उत्सव 2024 का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। यह उत्सव गंगा नदी को ‘राष्ट्रीय नदी’ घोषित किए जाने की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हर वर्ष मनाया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण, इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना, और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता को बढ़ावा देना है। इस वर्ष का यह आयोजन विशेष है, क्योंकि पहली बार इसे नदी के किनारे मनाया जा रहा है, और यह इस उत्सव का आठवां संस्करण है।

कार्यक्रम के उद्घाटन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी और जल शक्ति मंत्रालय की सचिव श्रीमती देवश्री मुखर्जी सहित कई विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। उत्सव में देशभर के 139 जिलों की जिला गंगा समितियों द्वारा भी इसे मनाया जा रहा है, जिसमें गंगा बेसिन वाले राज्यों में जन-भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

इस वर्ष गंगा उत्सव को एक मॉडल कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया गया है और इसे “नदी उत्सव” का रूप दिया गया है। रिवर सिटी एलायंस के तहत 145 नदी शहरों को इस उत्सव में सम्मिलित किया गया है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ और सतत प्रवाहित नदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

उत्सव के दौरान “गंगा संवाद” का आयोजन किया गया, जिसमें धार्मिक गुरुओं, विशेषज्ञों, और प्रमुख हस्तियों ने नदी संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए। युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से तकनीकी सत्र भी आयोजित हुआ, जिसमें जल प्रबंधन और नदी कायाकल्प से जुड़े विषयों पर चर्चा की गई।

गंगा महिला राफ्टिंग अभियान का फ्लैग-ऑफ भी इस कार्यक्रम का हिस्सा रहा। यह 50 दिनों का अभियान गंगा नदी के किनारे 9 प्रमुख शहरों और कस्बों से गुजरते हुए गंगा सागर पर समाप्त होगा।

इस महोत्सव में “घाट पर हाट” और नमामि गंगे पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जहां विभिन्न स्टॉल के माध्यम से गंगा संरक्षण के प्रयासों को प्रदर्शित किया गया। बच्चों के लिए कठपुतली शो, जादू शो, चित्रकला प्रतियोगिता और फिल्म प्रदर्शन जैसी गतिविधियों का आयोजन किया गया, ताकि उन्हें नदी संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके।

इस आयोजन में एक छोटे खाद्य महोत्सव का भी आयोजन किया गया, जिसमें गंगा बेसिन की सांस्कृतिक धरोहर और महत्व को समझाने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम ने गंगा नदी को उसके मूल स्वरूप में पुनर्स्थापित करने और उसके ऐतिहासिक व पवित्र चरित्र को बनाए रखने के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण प्रयास किया है।

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