मसूरी, जिसे ‘पहाड़ों की रानी’ कहा जाता है, का प्रमुख पर्यटन स्थल ‘कंपनी गार्डन’ अब ‘अटल उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा। गुरुवार को उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस नाम परिवर्तन का औपचारिक उद्घाटन किया। यह कदम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उठाया गया, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य के गठन में अहम भूमिका निभाई थी।
182 साल पुराने नाम का बदलाव
‘कंपनी गार्डन’ की स्थापना 1842 में अंग्रेज अधिकारी डॉ. एच. फाकनर द्वारा की गई थी। यह पहले ‘म्युनिसिपल गार्डन’ के नाम से जाना जाता था। अंग्रेजी शासन की याद दिलाने वाले इस नाम को बदलकर अब इसे ‘अटल उद्यान’ का नया स्वरूप दिया गया है।
विशाल प्रतिमा की स्थापना की घोषणा
कार्यक्रम में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि गुलामी के प्रतीक ‘कंपनी गार्डन’ को नया पहचान मिलना गर्व का क्षण है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यहां जल्द ही अटल बिहारी वाजपेयी की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
स्थानीय और पर्यटकों की मांग पूरी
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि लंबे समय से स्थानीय लोगों और पर्यटकों द्वारा इस स्थल का नाम बदलने की मांग की जा रही थी। इस निर्णय से मसूरी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को नई पहचान मिलेगी।
इतिहासकारों की प्रतिक्रिया
इतिहासकार जयप्रकाश उत्तराखंडी ने कहा कि ‘अटल उद्यान’ का नामकरण उत्तराखंड की धरोहर और अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को सम्मानित करता है। यह परिवर्तन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती प्रदान करेगा।
अन्य नाम परिवर्तन प्रस्तावित
मंत्री जोशी ने यह भी संकेत दिया कि एमपीजी कॉलेज और टाउन हॉल के नाम बदलने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसके अलावा, आगामी निकाय चुनावों पर भी चर्चा की गई।
इस पहल से मसूरी के इस ऐतिहासिक स्थल को एक नई पहचान मिली है, जो न केवल स्थानीय लोगों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा।