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केदारनाथ यात्रा में मातृशक्ति के व्यवसाय को मिली नई ऊंचाइयां: स्वरोजगार से जुड़ीं हजारों महिलाएं

केदारनाथ यात्रा में मातृशक्ति के व्यवसाय को मिली नई ऊंचाइयां: स्वरोजगार से जुड़ीं हजारों महिलाएं

इस वर्ष श्री केदारनाथ धाम यात्रा में 16 लाख 53 हज़ार से ज्यादा श्रद्धालु बाबा केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंचे। जिसका सीधा प्रभाव मातृशक्ति की आय एवं आर्थिकी पर भी देखने को मिला। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के चलते महिला समूहों के व्यवसाय को हर वर्ष नई ऊंचाइयां मिल रही हैं। श्री केदारनाथ यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने गत वर्ष जहां करीब ₹70 लाख का कारोबार किया था, वह इस वर्ष बढ़कर करीब ₹01 करोड़ पहुंच गया है।
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर (आरबीआई), ग्रामीण उद्यम त्वरण परियोजना (आरईएपी) सहित अन्य विभागों के माध्यम से जनपद में मातृशक्ति की आजीविका सुधारने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मातृशक्ति के महिला समूह गठित कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।
मुख्य विकास अधिकारी, रुद्रप्रयाग डॉ. जीएस खाती ने बताया कि तीर्थ यात्रियों के लिए मुख्य तौर पर श्री केदारनाथ धाम हेतु महाप्रसाद, धाम का सोवेनियर, धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग और चारधाम के तोरण बनाकर महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ी हुई हैं। इसके अलावा सरस रेस्तरां एवं आउटलेट, हिलांस कैफे एवं बेकरी संचालन के माध्यम से भी मातृशक्ति को आजीविका से जोड़ा गया है।
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग श्री सौरभ गहरवार के प्रयासों से पहली बार यात्रा मार्ग पर दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से आंचल डेयरी के सात आउटलेट एवं पार्किंग भी खोले गए थे। जो महिला समूहों एवं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का एक बेहतर विकल्प बनकर तैयार हुए हैं।
श्री केदारनाथ धाम एवं यात्रा मार्ग के विभिन्न हेलीपैड एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को महिलाओं द्वारा तैयार चौलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि पहुंचाए जाते हैं। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। जनपद रुद्रप्रयाग के काश्तकारों से 110 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से करीब 100 कुंतल चौलाई की खरीद की गई। जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला है। उखीमठ ब्लॉक के त्यूड़ी स्थित आस्था स्वयं सहायता समूह से जुड़ी करीब 40 महिलाओं द्वारा 05 लाख रुपए का प्रसाद यात्रा मार्ग पर बेचा गया।
इस वर्ष गंगा दुग्ध उत्पादन संघ द्वारा करीब 100 कुंतल चौलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा गया। पिछले छह महीने मेें उन्होंने 60 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दिया। जिनमें 30 महिलाएं एनआरएलएम के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे नियमित तौर पर जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब ₹25 लाख के लड्डू एवं चूरमा बेचा। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन ₹300 रुपए मेहनताना देने के साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण भी देते हैं।
इस वर्ष पहली बार डेयरी विभाग श्री केदारनाथ धाम यात्रा में अपना प्रत्यक्ष योगदान दे सका। जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर डेयरी विभाग के माध्यम से आंचल के सात आउटलेट खुलवाए। सभी आउटलेट स्थानीय लोगों एवं महिला समूहों को संचालन के लिए दिए गए। सात आउटलेट पर विभिन्न समूह एवं लोगों ने करीब ₹20 लाख का व्यापार किया है।
रीप के जिला प्रोजेक्ट मैनेजर श्री ब्रह्मानंद भट्ट ने बताया कि यात्रा मार्ग पर अगस्त्यमुनि में संचालित सरस रेस्तरां ने इस यात्रा अवधि में ₹07 लाख से अधिक का व्यापार किया है। जबकि सरस विपणन केंद्र ने करीब ₹03 लाख का व्यापार किया। हिलांस कैफे ने करीब ₹06 लाख, जबकि नवकिरण बेकरी ने ₹04 लाख का व्यापार किया। ईष्ट घण्डियाल उत्पादक समूह, बड़ेथ द्वारा केदारनाथ सोविनियर का निर्माण एवं व्यवसाय कर करीब ₹7 लाख का व्यापार किया गया।

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