बाजार में जल्द उपलब्ध होंगे प्रामाणिक आयुर्वेदिक भोजन और स्नैक्स

बाजार में जल्द उपलब्ध होंगे प्रामाणिक आयुर्वेदिक भोजन और स्नैक्स

10वें विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के दौरान प्रामाणिक आयुर्वेदिक नुस्खों के अनुसार तैयार भोजन और स्नैक्स जल्द ही देश भर के बाजारों में पहुंचेंगे। आयुर्वेद आधारित भोजन और स्नैक्स को बाजार में लाने की योजना चल रही है। इस पहल का उद्देश्य कुपोषण, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को कम करना है।

आयुर्वेद आहार पर चर्चा के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के सदस्यों ने बताया कि 700 से अधिक प्रामाणिक व्यंजन और फॉर्मूलेशन तैयार किए जा रहे हैं। इन व्यंजनों को आयुर्वेदिक ग्रंथों के आधार पर बनाया जाएगा, जिसमें आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा। समिति में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद डीम्ड यूनिवर्सिटी, जयपुर की पूर्व कुलपति प्रो. मीता कोटेचा, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की निदेशक प्रो. तनुजा नेसारी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर के प्रो. अनुपम श्रीवास्तव शामिल हैं।

इस परियोजना को आयुर्वेद आहार विनियम 2022 और अन्य संबंधित नियमों के तहत संचालित किया जा रहा है। कानून और दिशानिर्देशों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और इन्हें जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रस्तावित आयुर्वेदिक खाद्य खंड न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा, बल्कि यह बाजार में मौजूदा अस्वास्थ्यकर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का प्रभावी विकल्प भी प्रस्तुत करेगा।

यह पहल भूख, कुपोषण और मोटापे की समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ सरकार को संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगी। इसमें आधुनिक खाद्य प्रौद्योगिकी और पोषण विशेषज्ञों की मदद से उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी, साथ ही डोर डिलीवरी और फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) की तर्ज पर इनका विपणन किया जाएगा।

विशेषज्ञों ने कहा कि यह परियोजना भारत के पारंपरिक खाद्य पदार्थों को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी और मेगा फूड सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगी। प्रस्तावित आयुर्वेदिक खाद्य उत्पाद स्टार होटलों सहित सभी प्रमुख भोजनालयों में उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे इन्हें व्यापक स्तर पर अपनाया जा सके।

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