देहरादून: उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने बढ़ते बिजली बकाया को देखते हुए उपभोक्ताओं पर टैरिफ बढ़ाने की आशंका को खत्म कर दिया है। ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि 5000 करोड़ रुपये की देनदारी का समाधान निकालने के लिए इसे छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित किया जाएगा।
5000 करोड़ तक पहुंचा बकाया
उत्तराखंड ऊर्जा निगम पर सरकार का बकाया लगभग 5000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह देनदारी उत्तराखंड राज्य गठन के समय से चली आ रही है। निगम पर यह देनदारी उत्तर प्रदेश की परिसंपत्तियों और उनके समायोजन से जुड़ी समस्याओं के कारण बढ़ती गई।
टैरिफ बढ़ने का था खतरा
बकाया बढ़ने से ऊर्जा निगम द्वारा विद्युत टैरिफ में वृद्धि की संभावना थी, जिससे प्रदेश के 24 लाख बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर भार बढ़ सकता था। लेकिन सरकार ने समय रहते इसका समाधान निकालने का फैसला किया।
बैठक में निकला समाधान
हाल ही में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, और वित्त सचिव दिलीप जावलकर के साथ बैठक में देनदारी को छोटे हिस्सों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया। ऊर्जा निगम की आडिट कमेटी ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की।
टैरिफ पर नहीं पड़ेगा असर
ऊर्जा सचिव ने स्पष्ट किया कि इस प्रकरण का असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ने दिया जाएगा। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि बिजली की कीमतों में किसी प्रकार की वृद्धि न हो।
समाधान की दिशा में उठाए कदम
ऊर्जा निगम को निर्देश दिए गए हैं कि बकाया राशि का भुगतान किस्तों में किया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग को भी इस मामले में तेजी से सहमति देने के लिए कहा गया है।
यह निर्णय उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ-साथ निगम की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।