आईसीएआर-आईआईएसडब्ल्यूसी देहरादून ने खतर ग्राम पंचायत, कालसी ब्लॉक में कृषि-प्रसंस्करण सह-कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किया

आईसीएआर-आईआईएसडब्ल्यूसी देहरादून ने खतर ग्राम पंचायत, कालसी ब्लॉक में कृषि-प्रसंस्करण सह-कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किया

देहरादून, 26 दिसंबर, 2024: आईसीएआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉयल एंड वाटर कंज़र्वेशन (आईआईएसडब्ल्यूसी), देहरादून ने खतर ग्राम पंचायत, कालसी ब्लॉक में एक कृषि-प्रसंस्करण सह-कस्टम हायरिंग केंद्र का शुभारंभ किया। यह केंद्र किसानों को उनके कृषि उत्पादों को स्थानीय स्तर पर प्रसंस्कृत करने में सक्षम बनाकर समय, लागत और श्रम की बचत के साथ-साथ उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करेगा। यह पहल एससी-एसपी योजना के तहत शुरू की गई है।

इस अवसर पर, पीएमई और केएम यूनिट के प्रमुख तथा एससी-एसपी और टीएसपी कार्यक्रमों के समन्वयक डॉ. एम. मुरुगानंदम ने परियोजना टीम के सदस्य डॉ. इंदु रावत (वरिष्ठ वैज्ञानिक) और डॉ. सादिकुल इस्लाम (वैज्ञानिक) के साथ मिलकर किसानों को छह एचपी डीजल इंजन से संचालित थ्रेशिंग यूनिट प्रदान की। यह सुविधा किसानों को विकासनगर तक फसल ले जाने की आवश्यकता को समाप्त करेगी और कार्यक्षमता को बढ़ाएगी।

केंद्र की संचालन व्यवस्था को स्थायी बनाने के लिए, पास के गांवों के सभी घरों को मिलाकर एक फोकस समूह का गठन किया गया। इसके अतिरिक्त, प्रगतिशील किसान श्री आलम के नेतृत्व में एक कोर प्रबंधन समूह का भी गठन किया गया। इन समूहों को परियोजना टीम द्वारा एक समझौता ज्ञापन (MoU) के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया।

डॉ. मुरुगानंदम ने बताया कि इस केंद्र में ग्राइंडर और छोटे कृषि उपकरणों को जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही, संस्थान द्वारा गठित महिला स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) को स्टोरेज बिन, थर्मल फ्लास्क, स्पैचुला और फ्राइंग पैन जैसे सामुदायिक उपयोगी सामान वितरित किए गए। प्रत्येक परिवार को व्यक्तिगत उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक केतली और मैनुअल प्रूनिंग कटर भी दिया गया।

महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए डॉ. इंदु रावत ने साबुन निर्माण सामग्री का वितरण किया। वहीं, डॉ. सादिकुल इस्लाम ने स्वास्थ्य देखभाल में हुए सुधारों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, देहरादून द्वारा आयोजित खाद्य प्रसंस्करण पर उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए।

इस कार्यक्रम में, परियोजना टीम ने पिछले दो वर्षों में खतर ग्राम पंचायत की छह बस्तियों में लागू की गई पहलों की प्रगति की समीक्षा की। इन पहलों में सिंचाई पाइप, जल टैंक, उन्नत बीज, पौध सामग्री और गुणवत्तापूर्ण चूजों की आपूर्ति शामिल रही। साथ ही, उन्नत खेती, पोल्ट्री फार्मिंग और स्वास्थ्य देखभाल पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का भी आकलन किया गया।

कार्यक्रम में कोल्हर, सोमया, कोफ्टी, सुन्दरैया और अन्य गांवों के लगभग 50 किसानों और महिला समूहों ने संस्थान और वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया और उनके सहयोग व मार्गदर्शन की सराहना की।

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