पौड़ी गढ़वाल जिले के रिखणीखाल विकासखंड में बाघ के आतंक के कारण प्रशासन ने बड़ी सतर्कता दिखाते हुए कक्षा 12 तक के 13 स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 22 दिसंबर तक अवकाश घोषित कर दिया है। बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने यह कदम उठाया है।
बाघ के खौफ के चलते फैसला
रिखणीखाल क्षेत्र में बाघ की लगातार उपस्थिति से लोगों में दहशत का माहौल है। स्थानीय निवासियों और अधिकारियों की सूचना के बाद प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश जारी किया है। जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
प्रभावित स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र
बाघ प्रभावित क्षेत्र में जिन स्कूलों को बंद किया गया है, उनमें राजकीय प्राथमिक विद्यालय कंडिया मल्ला, कंडिया तल्ला, पीपलसारी, गुथेरेटा, सेंधी, डाबरी, डाबरी वैली, मैंदनी, बड़कासैंण, डोबरिया, डोबरियासार और जीआईसी डाबरी शामिल हैं। इसके साथ ही संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र भी प्रभावित हैं।
सुरक्षा के लिए जारी किए गए निर्देश
रिखणीखाल के उपजिलाधिकारी ने 19 दिसंबर को जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इन स्कूलों में अवकाश की संस्तुति की थी, जिसे स्वीकृत कर लिया गया है। प्रशासन ने वन विभाग को भी सतर्क रहने और बाघ को पकड़ने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
लोगों में डर का माहौल
बाघ के खौफ से स्थानीय लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। बच्चों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने का आश्वासन दिया है।
वन विभाग की कार्रवाई जारी
वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और विशेषज्ञों की टीम तैनात कर दी गई है। लोगों से सतर्क रहने और रात के समय घर से बाहर न निकलने की अपील की गई है।
इस स्थिति को देखते हुए, प्रशासन और वन विभाग पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द बाघ को पकड़कर लोगों को राहत दी जा सके।