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देहरादून: क्रिप्टो फ्रॉड सरगना नरेश गुलिया के ठिकानों पर ED की रेड, 16.81 करोड़ की धोखाधड़ी के अहम सबूत मिले

देहरादून: क्रिप्टो फ्रॉड सरगना नरेश गुलिया के ठिकानों पर ED की रेड, 16.81 करोड़ की धोखाधड़ी के अहम सबूत मिले

क्रिप्टो धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी नरेश गुलिया के देहरादून स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की। हालांकि, ईडी टीम गुलिया को गिरफ्तार नहीं कर सकी, लेकिन उसके घर से करोड़ों की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई अहम सबूत मिले हैं। जांच में गुलिया के बैंक खातों और संपत्तियों की भी जानकारी मिली है, जिसके चलते ED ने उनके 1.5 करोड़ रुपये के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया और सहस्रधारा रोड स्थित 400 गज के आलीशान बंगले की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।

क्या है इमोलिएंट कॉइन घोटाला?

गुलिया ने “द इमोलिएंट कॉइन लिमिटेड” नाम से कंपनी बनाई और एक एप के जरिए लोगों को क्रिप्टो में निवेश कर 10 महीनों में रकम दोगुनी करने का लालच दिया। मुख्य रूप से लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के लोगों को निशाना बनाया गया और उनसे 16.81 करोड़ रुपये से अधिक ठगे गए।

कैसे किया गया फ्रॉड?

  • गुलिया ने इमोलिएंट कॉइन और टेक कॉइन लिमिटेड नाम की दो कंपनियां यूके में रजिस्टर्ड करवाईं।
  • निवेशकों की रकम सितंबर 2019 में लॉक-इन पीरियड खत्म होने से पहले ही कंपनी ने नकली सिक्कों का मूल्य घटा दिया।
  • अक्टूबर-नवंबर 2019 में एप ने काम करना बंद कर दिया और 12 जनवरी 2021 से कंपनी का संचालन रोक दिया गया।

मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में मामला दर्ज

लद्दाख पुलिस ने 2020 में गुलिया के सहयोगियों – अतीउल रहमान मीर (लेह) और अजय कुमार चौधरी (जम्मू) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसी आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की। जांच के दौरान हरियाणा, दिल्ली और जम्मू में रेड कर करीब 6 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है।

ED की अब तक की कार्रवाई:

  • अगस्त 2024 में भी फर्जी क्रिप्टो कंपनियों पर छापेमारी कर 1 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे।
  • नरेश गुलिया की 1.5 करोड़ की बैंक संपत्ति फ्रीज।
  • देहरादून स्थित 400 गज का बंगला अटैच करने की प्रक्रिया शुरू।

ED इस मामले में आगे की जांच कर रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों पर शिकंजा कसने की संभावना है।

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