रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): उत्तराखंड के विकासखंड अगस्त्यमुनि के कोट-मल्ला गांव निवासी प्रख्यात पर्यावरणविद् जगत सिंह चौधरी ‘जंगली’ को पर्यावरण संरक्षण में उनके विशेष योगदान के लिए ‘राष्ट्रीय भारत गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें 5 फरवरी को कर्नाटक में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण में योगदान के लिए विशेष सम्मान
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दक्षिण भारत की सुप्रसिद्ध संस्था राष्ट्रीय भारत विकास संगम की ओर से दिया जा रहा है। यह संस्था राष्ट्र निर्माण में लगे व्यक्तियों और विभूतियों को सम्मानित करती है। जगत सिंह चौधरी, जिन्हें ‘जगत सिंह जंगली’ के नाम से भी जाना जाता है, को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए चुना गया है।
50 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यरत
जगत सिंह चौधरी पिछले पांच दशकों से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने एक लाख वृक्षों का मिश्रित वन तैयार कर एक सफल वानिकी मॉडल पेश किया है। साथ ही, उन्होंने देशभर के 50 हजार छात्रों को ‘पर्यावरण की पाठशाला’ अभियान के तहत जागरूक किया है। वह जल संरक्षण के लिए पारंपरिक चाल-खाल और अन्य स्थानीय तकनीकों के माध्यम से काम कर रहे हैं।
36 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित
जगत सिंह चौधरी को पहले भी कई सम्मान मिल चुके हैं। इनमें राष्ट्रीय इंदिरा गांधी वृक्षमित्र पुरस्कार, एशिया प्राइड अवॉर्ड, ग्रीन एंबेसडर ऑफ इंडिया, उत्तराखंड गौरव, पर्यावरण श्री जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार शामिल हैं।