भुवनेश्वर में ऐतिहासिक आयोजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन ओडिशा के भुवनेश्वर में किया। इस कार्यक्रम में दुनियाभर से आए प्रवासी भारतीयों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज की प्रस्तुति की सराहना की और प्रवासियों का भारत से जुड़े रहने के प्रति उनके योगदान की प्रशंसा की।
प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी
प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रवासियों के लिए एक विशेष पर्यटक ट्रेन “प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस” को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन भारत के पर्यटन और धार्मिक महत्व के स्थलों की यात्रा कराएगी। इसका संचालन प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत किया जाएगा।
प्रवासी भारतीय दिवस: भारत और प्रवासियों के बीच सेतु
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस भारत और प्रवासियों के बीच संबंधों को गहरा करने वाली एक संस्था बन चुकी है। उन्होंने महात्मा गांधी की स्वदेश वापसी के महत्व को याद किया और इस आयोजन को अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता से प्रेरित बताया।
ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत का गौरव
प्रधानमंत्री ने ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कोणार्क सूर्य मंदिर, धौली शांति स्थल और ओडिशा के प्राचीन बंदरगाहों का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा कि यह भूमि शांति और बुद्ध का प्रतीक है और “भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है।”
Pleased to speak at the Pravasi Bharatiya Divas convention in Bhubaneswar. The Indian diaspora has excelled worldwide. Their accomplishments make us proud. https://t.co/dr3jarPSF4
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2025
लोकतंत्र और भारतीय प्रवासी
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और लोकतंत्र हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय प्रवासी दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बनाते हैं और विविधता के साथ समाहित होकर स्थानीय समाजों में योगदान देते हैं।
भारत की वैश्विक पहचान और प्रगति
प्रधानमंत्री ने भारत की उपलब्धियों और प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने चंद्रयान मिशन, डिजिटल इंडिया, अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और “मेड इन इंडिया” विमानों का उल्लेख किया। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
ग्लोबल साउथ और भारतीय नेतृत्व
प्रधानमंत्री ने अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का भारत वैश्विक मंच पर अपनी आवाज मजबूती से रखता है और “मानवता सर्वप्रथम” के प्रति प्रतिबद्ध है।
प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और सहयोग
प्रधानमंत्री ने प्रवासियों के संकट के समय में मदद करने की जिम्मेदारी को भारत का कर्तव्य बताया। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारतीय दूतावास और कार्यालय सक्रिय रूप से प्रवासियों की मदद कर रहे हैं।
गिरमिटिया इतिहास और विरासत का संरक्षण
प्रधानमंत्री ने “गिरमिटिया” समुदाय के इतिहास को संरक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने गिरमिटिया विरासत पर शोध और अध्ययन के लिए एक विश्वविद्यालय पीठ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा और नियमित रूप से विश्व गिरमिटिया सम्मेलन आयोजित करने का आह्वान किया।
प्रवासी भारतीयों का योगदान और आह्वान
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से भारत के छोटे शहरों और गांवों का दौरा करने और अपनी विरासत को दुनिया के साथ साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रवासियों को “भारत में अध्ययन” कार्यक्रम और “भारत को जानिए” प्रश्नोत्तरी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
स्थानीय उत्पादों और पर्यावरण संरक्षण का आह्वान
प्रधानमंत्री ने “मेड इन इंडिया” उत्पादों को अपनाने और अपने देश की स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने पर जोर दिया। उन्होंने प्रवासियों को “एक पेड़ मां के नाम” पहल में भाग लेने का आह्वान किया।
सांस्कृतिक जुड़ाव और विरासत पर्यटन
प्रधानमंत्री ने रामायण एक्सप्रेस और भारत गौरव रेल जैसी परियोजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं भारतीय संस्कृति और विरासत स्थलों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
सम्मेलन का विषय और उद्देश्य
इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का विषय “विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान” था। ओडिशा सरकार के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के प्रवासियों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री ने भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीयों के योगदान को सराहा और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प पर बल दिया।
Related posts:
- अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दी अधिकारियों को 15 दिन की डेडलाइन…
- उत्तराखंड में पहला अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन 12 जनवरी को…
- सचिव चंद्रेश यादव नें लगाया संस्कृत शिक्षा के समस्त प्रश्नों पर विराम, संस्कृत जगत में हर्ष की लहर
- देहरादून में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन: 250 से अधिक प्रवासी शामिल, मुख्यमंत्री धामी ने की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
- भारतीय प्रवासियों ने दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाई है: मोदी
- हजारों किलोमीटर का सफर तय करके प्रवासी परिंदे पहुंचे उत्तराखंड, 3000 से अधिक प्रवासी परिंदों से आसन झील हुई गुलजार