अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ओर से संचालित ब्रोंकोस्कोपी प्रयोगशाला में एक 07 वर्ष के बच्चे के फेफड़े में फंसे पेंच को निकालकर चिकित्सकों ने उसे जीवनदान दिया है। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की आचार्य डॉ. रुचि दुआ के अनुसार हमारे विभाग को संस्थान के बालरोग विभाग के चिकित्सक डॉ. व्यास कुमार राठौड़ की ओर से जानकारी प्राप्त हुई कि भरत नगर, रुड़की हरिद्वार निवासी एक 07 वर्ष के बच्चे रेहान को उसके परिजन ओपीडी में परीक्षण के लिए लाए हैं, जिसकी जांच में ज्ञात हुआ है कि बच्चे के फेफड़े में पेंच फंसा हुआ है ।
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परिजनों ने बालरोग विभाग के चिकित्सक को अवगत कराया कि रेहान को बीते 15 दिनों से उल्टी ओर खांसी की शिकायत है, जिसके मद्देनजर वह बच्चे को उचित इलाज के लिए एम्स, ऋषिकेश लेकर आए हैं।
बालरोग विशेषज्ञ डॉ. व्यास कुमार राठौड़ के मुताबिक बच्चे की कुछ प्रारंभिक जांचें कराई गईं, जिसमें उसकी छाती के एक्स-रे एवं सीटी स्कैन में बच्चे के फेफड़े में एक पेंच दिखाई दिया है । इस विषय में चिकित्सक द्वारा बच्चे के अभिभावकों से पूछे जाने पर उन्हें बताया गया कि बच्चे ने घर में खेल-खेल में पेंच निगल लिया, जिसका पता परिजनों को नहीं लग पाया ।
बाल रोग विभाग से बच्चे से संबंधित उक्त जानकारी मिलने पर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की विशेषज्ञ चिकित्सक आचार्य डॉ. रुचि दुआ के साथ उनकी टीम के सदस्य डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. दीपांश गुप्ता, डॉ. ऋत्विक सिंगला, डॉ. अश्वथी साबू के अलावा बाल रोग विभाग के विशेषज्ञ डॉ. व्यास कुमार राठौड़, डॉ. मान सिंह, डॉ. श्रीजन, एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका गुप्ता, डॉ. रीना , डॉ. अजहर, बाल शल्य चिकित्सा विभाग की विशेषज्ञ डॉ. शौर्या व रेडियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. राहुल देव की देखरेख में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ब्रोकोस्कोपी प्रयोगशाला में Flexible Bronchoscopy के माध्यम से बच्चे के फेफड़े से सफलतापूर्वक पेंच को निकाल लिया गया । अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ एवं सुरक्षित है ।