देहरादून स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने चिकित्सा जगत में एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए 2.8 वर्षीय जन्मजात बधिर बच्चे को पहली बार सुनने की क्षमता प्रदान की। अस्पताल की ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. इरम खान और उनकी कुशल टीम ने अत्याधुनिक कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिससे अब बच्चा दुनिया की आवाज़ सुन सकता है।
जन्म से सुनने में असमर्थ था बच्चा, कोक्लियर इम्प्लांट से मिली नई जिंदगी
दिसंबर 2024 में माता-पिता बच्चे को लेकर मैक्स अस्पताल पहुंचे, जहां जांच में पाया गया कि उसका कोक्लीअ (आंतरिक कान) पूरी तरह विकसित नहीं था। पारंपरिक श्रवण यंत्रों से कोई फायदा न होने के कारण, कोक्लियर इम्प्लांट ही एकमात्र विकल्प था।
डॉ. इरम खान के अनुसार, “कोक्लियर इम्प्लांट आदर्श रूप से 5 वर्ष से पहले किया जाना चाहिए, क्योंकि इस उम्र में मस्तिष्क की श्रवण क्षमता विकसित होती है। हमने कान के पीछे एक छोटा चीरा लगाकर अत्याधुनिक इम्प्लांट लगाया। अब बच्चे को ध्वनियों की पहचान और बोलने की क्षमता विकसित करने के लिए विशेष श्रवण प्रशिक्षण और स्पीच थेरेपी दी जा रही है।”
कोक्लियर इम्प्लांट: सुनने की नई तकनीक
कोक्लियर इम्प्लांट एक आधुनिक श्रवण पुनर्वास तकनीक है, जो क्षतिग्रस्त श्रवण प्रणाली को बायपास कर श्रवण तंत्रिका को उत्तेजित करती है, जिससे मरीज ध्वनियों को पहचान सकते हैं।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून अपनी अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों के लिए जाना जाता है। यह अस्पताल न केवल बेहतरीन रोगी देखभाल प्रदान करता है, बल्कि चिकित्सा नवाचारों में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
डॉ. इरम खान और टीम की सराहनीय उपलब्धि
इस उपलब्धि पर मरीज के परिवार ने डॉ. इरम खान और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया। इस सफलता ने मैक्स अस्पताल, देहरादून को चिकित्सा नवाचार के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।
सफल सर्जरी ने दी हजारों परिवारों को नई उम्मीद
यह सफल सर्जरी चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित हुई है। यह उपलब्धि उन हजारों परिवारों के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने बच्चों को सुनने की क्षमता दिलाने का सपना देख रहे हैं। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून और डॉ. इरम खान की यह उपलब्धि चिकित्सा जगत में एक मिसाल बन गई है।