देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने गरीब, अनाथ और असहाय लड़कियों को स्नातक, स्नातकोत्तर और कौशल शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत जिले में ‘नंदा-सुनंदा’ परियोजना शुरू की गई है, जिसमें लड़कियों के निष्पक्ष चयन के लिए एक बहु-विषयक समिति का गठन किया गया है।
7 बालिकाओं को मिली आर्थिक सहायता
डीएम सविन बंसल और मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने परियोजना का शुभारंभ करते हुए 7 लड़कियों को 2,44,731 रुपये के चेक वितरित किए। इनमें से कुछ प्रमुख लाभार्थी इस प्रकार हैं:
- अनाथ रोशनी (बीएससी योगिक विज्ञान) – ₹28,975
- रौनक (स्नातक, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय) – ₹25,000
- शशांक (12वीं, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय) – ₹15,000
- मीना (ब्यूटीशियन कोर्स) – ₹50,000
- आकांक्षा (12वीं, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय) – ₹15,000
- मानसी साहू (पीएचडी, उत्तरांचल विश्वविद्यालय) – ₹52,500
- विधि (होटल मैनेजमेंट, उत्तरांचल विश्वविद्यालय) – ₹58,256
बालिकाओं को मिलेगा उच्च शिक्षा और कौशल विकास का अवसर
शुभारंभ के अवसर पर बालिकाओं ने अपने सपने जिलाधिकारी के साथ साझा किए, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन उनके सपनों को साकार करने में हरसंभव सहायता करेगा।
इसके तहत:
- गरीब, अनाथ और असहाय बालिकाओं को स्नातक तक शिक्षित किया जाएगा।
- कौशल शिक्षा देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा।
- सरकारी कार्यालयों, बालिका गृहों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पात्र बालिकाओं का चयन किया जाएगा।
- चयन प्रक्रिया जनता दरबार और बहुउद्देशीय शिविरों में होगी।
‘नंदा-सुनंदा’ परियोजना का उद्देश्य जिले की असहाय बालिकाओं को शिक्षा और रोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे वे समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त कर सकें।