देहरादून। उत्तराखंड सरकार अब विधायकों और उनके आश्रितों को भी गोल्डन कार्ड योजना के तहत कैशलेस इलाज की सुविधा देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय से विधायकों का डाटा मांगा गया है। फिलहाल इस योजना के तहत राज्य में 4.80 लाख गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं।
बजट की समस्या बनी रोड़ा
गोल्डन कार्ड योजना में बजट की कमी एक बड़ी चुनौती बन गई है। अस्पतालों का करीब 80 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है, जिससे कई अस्पतालों ने कैशलेस इलाज से इनकार कर दिया है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार अंशदान बढ़ाने और अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।
कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिल रही है सुविधा
राज्य सरकार ने वर्ष 2021 में राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS) की शुरुआत की थी, जिसमें सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को असीमित कैशलेस इलाज की सुविधा दी गई थी। इस योजना के तहत अब तक 4.80 लाख गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं।
विधायकों के लिए क्यों आई यह योजना?
पिछले साल गैरसैंण में हुए मानसून सत्र में विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाने और उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए विधानसभा विविध विधेयक पारित किया गया था। इसी के तहत अब उन्हें गोल्डन कार्ड दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
निजी बीमा कंपनी को देने पर हो रहा विचार
सरकार अब इस योजना को निजी बीमा कंपनी को सौंपने पर भी विचार कर रही है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने या तो अंशदान बढ़ाने या फिर अलग से बजट देने का प्रस्ताव रखा है। विधानसभा सत्र के दौरान इस योजना को निजी बीमा कंपनी को देने का सुझाव भी आया था, जिस पर शासन ने कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि विधानसभा सचिवालय से विधायकों का डाटा लिया जा रहा है और अंशदान तय होने के बाद उन्हें गोल्डन कार्ड की सुविधा दी जाएगी।