देहरादून। उत्तराखंड के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में स्थित नवनिर्मित त्रिशूल शूटिंग रेंज को अब शूटिंग एकेडमी में तब्दील किया जाएगा। इस एकेडमी के संचालन में सेना और पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा, जिससे देशभर के निशानेबाजों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सकेगा।
खेल विभाग ने शूटिंग एकेडमी की स्थापना के लिए तैयारी तेज कर दी है। यह एकेडमी न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के निशानेबाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण देने में सहायक होगी। वर्तमान में राज्य के निशानेबाजों को प्रशिक्षण के लिए दिल्ली और भोपाल की शूटिंग अकादमियों पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन इस नई एकेडमी से उन्हें अपने ही राज्य में बेहतरीन सुविधाएं मिल सकेंगी।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी शूटिंग एकेडमी
राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए स्पोर्ट्स कॉलेज में करोड़ों रुपये की लागत से विश्वस्तरीय शूटिंग रेंज का निर्माण किया गया है। यहां 160 स्विस-निर्मित इलेक्ट्रॉनिक टारगेट लगाए गए हैं, जिनका उपयोग पेरिस ओलंपिक में भी किया गया था। 25 मीटर रेंज में इसकी क्षमता दिल्ली की करनी सिंह रेंज से अधिक हो सकती है, जहां 60 टारगेट हैं, जबकि दून की त्रिशूल रेंज में इसे 65 तक बढ़ाने की क्षमता है।
ओलंपिक के लिए तैयार होंगे नए निशानेबाज
उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य इस एकेडमी के माध्यम से भविष्य के ओलंपियन निशानेबाज तैयार करना है। विशेष प्रमुख सचिव (खेल) अमित सिन्हा ने कहा कि इस एकेडमी के संचालन से राज्य के निशानेबाजों को न केवल आधुनिक तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा, बल्कि नए खिलाड़ियों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी करने का अवसर मिलेगा।
शूटिंग कोच अरुण सिंह के अनुसार, राष्ट्रीय खेलों के दौरान यहां निशानेबाजों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिकॉर्ड भी तोड़े हैं, जिससे साबित होता है कि यह रेंज विश्वस्तरीय मानकों पर खरी उतरती है।