देहरादून: उत्तराखंड के कुछ निजी स्कूलों द्वारा एडमिशन से पहले बच्चों के माता-पिता से प्रवेश आवेदन पत्रों के नाम पर अधिक शुल्क वसूलने का मामला सामने आया है। इस पर उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने शिक्षा विभाग को जांच कमेटी गठित कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
प्रवेश फॉर्म के नाम पर हो रही मोटी कमाई
डॉ. गीता खन्ना ने जानकारी दी कि कुछ स्कूलों में प्रवेश फॉर्म के लिए 3,000 से 5,000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जो बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह शुल्क प्रवेश परीक्षा के नाम पर लिया जा रहा है, जबकि आयोग पहले ही निर्देश जारी कर चुका है कि छोटे बच्चों की प्रवेश परीक्षा नहीं होगी।
लॉटरी सिस्टम का करें उपयोग
बाल आयोग अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि नर्सरी और प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश के लिए स्कूलों को लॉटरी सिस्टम अपनाना चाहिए, न कि परीक्षा लेकर बच्चों का चयन करना। यह नियम बच्चों के शैक्षिक अधिकारों की रक्षा के लिए लागू किया गया है।
जल्द होगी जांच, कार्रवाई के निर्देश
शिक्षा विभाग को इस मामले की गहन जांच कर स्कूलों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। यदि कोई स्कूल अवैध रूप से प्रवेश शुल्क वसूलता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड बाल आयोग ने अभिभावकों से भी अपील की है कि यदि कोई स्कूल एडमिशन के नाम पर ज्यादा पैसे मांगता है, तो वे इसकी शिकायत तुरंत दर्ज कराएं।