उत्तरकाशी। गंगा दशहरा और अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर मंगलवार दोपहर 11:57 बजे अभिजीत मुहूर्त में मां गंगा की भोगमूर्ति विग्रह डोली विधिविधान से मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। इस शुभ अवसर पर ढोल-दमाऊं, सेना के बैंड और गगनभेदी जयकारों के बीच मां गंगा की डोली को विदा किया गया। छह माह तक गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना के बाद शीतकाल में मां गंगा की डोली पुनः मुखबा गांव लौटेगी।
डोली यात्रा में समेश्वर देवता की देवडोली भी सम्मिलित हुई। स्थानीय ग्रामीणों ने परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हुए मां गंगा को बेटी की तरह कल्यो और फाफरे का भोग अर्पित कर नम आंखों से विदा किया। तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की डोली मंगलवार रात भैरो घाटी में विश्राम करेगी और बुधवार को सुबह गंगोत्री धाम पहुंचेगी।
बुधवार 1 मई को अक्षय तृतीया के पावन दिन पर सुबह 10:30 बजे विधिविधान और मंत्रोच्चारण के साथ गंगोत्री धाम के कपाट छह माह के लिए श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोले जाएंगे। गंगोत्री धाम का बाजार चारधाम यात्रियों के स्वागत के लिए पूरी तरह सज चुका है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।
गौरतलब है कि मां गंगा की डोली लगभग 25 किमी की कठिन पैदल यात्रा तय कर बुधवार को गंगोत्री धाम पहुंचेगी, जहां विशेष पूजा-अर्चना के बाद भक्तों को दर्शन का सौभाग्य मिलेगा।