पौड़ी गढ़वाल, 26 अप्रैल:
उत्तराखंड में तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना की तैयारी शुरू हो गई है। नीलकंठ महादेव मंदिर तक प्रस्तावित यह रोपवे चार किलोमीटर से अधिक लंबा होगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अत्याधुनिक, सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
450 करोड़ की लागत से बनेगा रोपवे
इस नीलकंठ रोपवे परियोजना की अनुमानित लागत करीब 450 करोड़ रुपये है। परियोजना के लिए भूमि चिन्हांकन और अभिलेखीय सुधार का कार्य प्रारंभिक चरण में है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक कर खसरा रिकॉर्ड की त्रुटियों को दुरुस्त करने और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।
तीर्थयात्रियों को मिलेगा बड़ा लाभ
इस रोपवे के बनने से नीलकंठ जैसे ऊंचाई पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल तक पहुँचना आसान होगा। वर्तमान में श्रद्धालुओं को कठिन पहाड़ी रास्तों से होकर जाना पड़ता है, लेकिन रोपवे के माध्यम से यात्रा न सिर्फ सुगम होगी, बल्कि समय और ऊर्जा की भी बचत होगी।
प्रशासनिक कार्यवाही तेज
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। तहसीलदार यमकेश्वर को खसरा नंबरों की जांच कर रिपोर्ट तैयार करने और उपजिलाधिकारी को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
नीलकंठ रोपवे बनने से उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। यह परियोजना राज्य की आर्थिक समृद्धि और रोजगार सृजन की दिशा में भी एक अहम कदम मानी जा रही है।
यह रोपवे उत्तराखंड को स्मार्ट, सुविधा संपन्न और टिकाऊ पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।