प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में सुमार केदारनाथ धाम का सफर निकट भविष्य में और आसान होगा। इसके लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे निर्माण के मद्देनजर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हालांकि, न सिर्फ केदारनाथ, बल्कि हेमकुंड साहिब के लिए भी रोपवे की कसरत शुरू की गई है। सोनप्रयाग से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे निर्माण के लिए टेंडर भी खोले गए हैं। ताकि इन रोपवे के निर्माण में निजी क्षेत्र भी रुचि दिखा सके। समुद्रतल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम के लिए गौरीकुंड से धाम तक की पैदल दूरी करीब 16 किलोमीटर की है। लेकिन अब मात्र 25 मिनट में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पहुंचा जा सकेगा।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ रोपवे के आकार लेने पर यह विश्व के सबसे लंबे रोपवे में शामिल हो जाएगा। बात दे कि प्रधानमंत्री मोदी ने पांच नवंबर को केदारनाथ में कहा था कि केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे पर काम हो रहा है।
इस कड़ी में अब कसरत तेज हो गई है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार प्रदेश में रोपवे निर्माण के मद्देनजर सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से एमओयू किया हुआ है।
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