सिंदूर ऑपरेशन की सफलता के लिए श्री बद्रीश कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय सिमली कर्ण‌‌‌प्रयाग में छात्र-छात्राओं द्वारा किया जा रहा है गजेंद्र मोक्ष पाठ।

सिंदूर ऑपरेशन की सफलता के लिए श्री बद्रीश कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय सिमली कर्ण‌‌‌प्रयाग में छात्र-छात्राओं द्वारा किया जा रहा है गजेंद्र मोक्ष पाठ।

कर्णप्रयाग। जहां एक तरफ सिंदूर ऑपरेशन की सफलता के लिए देशकी तीनो सेनाएं सीमाओं पर जूझ रही है, तो दूसरी तरफ उनकी सफलता के लिए चमोली जनपद के श्री बद्रीश कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय सिमली में छात्र-छात्राओं द्वारा प्रार्थना स्थल पर श्रीमद् भागवत के गजेंद्र मोक्ष पाठ का वाचन किया जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सहायक निदेशक आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के मार्गदर्शन में एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ माताराम पुरोहित के कुशल निर्देशन में सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सहयोग से छात्र-छात्राओं द्वारा देश की सीमाओं पर जूझ रहे सेना के जवानों के संकट हरण के लिए श्रीमद् भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ किया जा रहा है।

संपर्क करने पर सहायक निदेशक डॉक्टर घिल्डियाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा किशस्त्रेण रक्षयते राष्ट्रम, शास्त्रम प्रवर्तते अर्थात देश की रक्षा के लिए शस्त्रों के साथ-साथ शास्त्रों की भी आवश्यकता होती है और हम यही कर्तव्य राष्ट्र के प्रति निभाना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत का गजेंद्र मोक्ष इस अर्थ पर है कि जब हाथी का पैर मगरमच्छ ने मुंह में ले लिया था, तो उसने इस संकट से छूटने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु की महत्वपूर्ण श्लोको में आराधना की है,उन श्लोकों का वाचन जिस भी भाव की सिद्धि के लिए किया जाता है, अवश्य उसमें सफलता प्राप्त होतीहै।*

सहायक निदेशक ने कहा कि सभी नागरिकों के जीवन में सबसे पहला कर्तव्य राष्ट्रीय एकता और अखंडता और सुरक्षा होना चाहिए और इसके लिए जिसके पास जो भी जिम्मेदारी है ,उसको राष्ट्र सेवा से जोड़ते हुए निष्काम भाव से करना चाहिए इससे हम भारत माता के वैभव को सलामत रखने के केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रयासों में मदद कर सकते हैं, उन्होंने सभी नागरिकों से अपेक्षा की है, कि अपने-अपने स्तर से राष्ट्रीय कर्तव्य का पालन करेंगे।