आईसीएआर – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (आईआईएसडब्ल्यूसी), देहरादून द्वारा विकसित कृषि संकल्प अभियान (वीकेएसए)-2025, जो 29 मई से 12 जून 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, में सक्रिय भागीदारी जारी है। अभियान के 10वें दिन, 7 जून 2025, वैज्ञानिकों ने विभिन्न गांवों का दौरा किया और खरीफ फसल प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों का मूल्यांकन कर किसानों को लक्षित कृषि सलाह प्रदान की।
विस्तृत क्षेत्रीय भ्रमण एवं किसान सहभागिता
7 जून को वरिष्ठ वैज्ञानिकों डॉ. चरण सिंह, डॉ. अम्बरीश कुमार, डॉ. लेखचंद, डॉ. विभा सिंघल, डॉ. रमन जीत सिंह, डॉ. इंदु रावत एवं डॉ. अनुपम बर्ह के नेतृत्व में सात विशेषज्ञ टीमों ने तीन ब्लॉकों के 19 गांवों का दौरा किया:
· विकासनगर ब्लॉक: रामबाग, जामनिपुर थप्पड़, बदमावाला, तोलीभूड, चलियो, पापड़ियान, देवथला, चिड़बेली-टिमली, कुंजा, बद्रीपुर, धर्मावाला, शाहपुर-कल्याणपुर (रामगढ़)
· कालसी ब्लॉक: देव, निचचिया, झुटाया, झसाऊ भकरो, डामटा
· सहसपुर ब्लॉक: मेदिनीपुर
टीमों ने 850 किसानों से संवाद कर स्थान-विशिष्ट खरीफ सलाह और तकनीकी मार्गदर्शन दिया।
प्रमुख कृषि सलाहें
गुणवत्ता वाले धान बीज से शुरुआत
किसानों को नमक घोल विधि से बीज छंटाई करने की सलाह दी गई:
· 10 लीटर पानी में 1.5 किलोग्राम आम नमक मिलाएं।
· उसमें धान के बीज डालें; ऊपर तैरते (खराब/संक्रमित) बीजों को हटा दें।
· केवल नीचे बैठे (स्वस्थ) बीजों को बोने के लिए उपयोग करें।
बीज उपचार
· प्रति किलोग्राम बीज के लिए प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम मिलाकर बीजों को 10-12 घंटे भिगोएँ।
· यह उपचार ब्लास्ट और फफूंदजनित रोगों से 40 दिन तक सुरक्षा प्रदान करता है।
रोग प्रबंधन
· धान में बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट से बचाव हेतु: 60 लीटर पानी में 6 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन मिलाकर छिड़काव करें।
· मिर्च और टमाटर में ब्लैक स्पॉट रोग से बचाव हेतु: 120 लीटर पानी में 6 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन का उपयोग करें।
धान में खरपतवार नियंत्रण
· धान रोपाई के समय या 3 दिन के भीतर:
o ब्यूटाक्लोर को 1.5 कि.ग्रा. सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें या
o मेटोलाक्लोर को 1.0–1.6 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़कें।
· साइपे्रस रोटंडस (मोटा घास) जैसे कठिन खरपतवारों के लिए:
o बिसपाइरीबैक सोडियम 10% एससी (ब्रांड्स: टार्क, बीआईएसपीए, नोमिनी गोल्ड, नार्किस) को 80–120 मिलीलीटर प्रति एकड़, रोपाई के 25 दिनों के भीतर प्रयोग करें।
कीटनाशकों एवं उर्वरकों के सुरक्षित उपयोग पर जोर
किसानों को सलाह दी गई कि वे:
· कीटनाशकों एवं उर्वरकों का प्रयोग केवल विशेषज्ञ की सलाह पर करें।
· उत्पाद लेबल पर छपे सक्रिय घटक की मात्रा को ध्यान से पढ़ें।
· अति उपयोग से बचें, जिससे फसल को नुकसान या पर्यावरणीय हानि हो सकती है।
स्थानीय कृषि-इनपुट विक्रेताओं को भी सलाह दी गई कि वे:
· लक्षणों के आधार पर सही दवा एवं मात्रा की सिफारिश करना सीखें।
· किसानों को सही जानकारी और मात्रा में उत्पाद प्रदान करें ताकि दुरुपयोग से बचा जा सके।
कई किसानों ने बताया कि कीटनाशकों के गलत प्रयोग से फसल सूखने या मरने लगी है। वैज्ञानिकों ने स्थानीय दुकानदारों को जागरूक करने और विशेषज्ञ सलाह को सुलभ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मिशन समन्वय एवं दृष्टिकोण
आईसीएआर-आईआईएसडब्ल्यूसी में वीकेएसए-2025 मिशन का समन्वयन निम्न अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है: डॉ. मधु (निदेशक), डॉ. बांके बिहारी, डॉ. एम. मुरुगनंदम (प्रधान वैज्ञानिक), श्री अनिल चौहान (सीटीओ), इं. अमित चौहान (एसीटीओ) श्री प्रवीण तोमर (एसटीओ), श्रीमती मीनाक्षी पंत (पीएस).
इस मिशन का उद्देश्य है किसानों को वैज्ञानिक ज्ञान से सशक्त बनाना, सतत कृषि को बढ़ावा देना, और जलवायु-लचीली खेती प्रणाली सुनिश्चित करना।