देहरादून। उत्तराखंड में कई बार चर्चाओं में रहे वरिष्ठ अभियंता आरपी सिंह को आखिरकार निलंबित कर दिया गया है। वर्तमान में सिंचाई विभाग में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनाती पाने के बावजूद, मूल विभाग में कार्यभार ग्रहण न करने पर यह कार्रवाई की गई है। सिंचाई विभाग के सचिव युगल किशोर पंत ने यह निलंबन आदेश जारी किया।
आरपी सिंह लंबे समय तक ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में मुख्य अभियंता के पद पर कार्यरत रहे और इस दौरान वे कई बार विवादों में घिरे रहे। उन पर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और माननीय से बदसलूकी जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। इसको लेकर कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विधानसभा में मुद्दा भी उठाया था, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने संज्ञान लिया था।
कार्रवाई की पृष्ठभूमि:
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आरपी सिंह को कार्यमुक्त कर मूल विभाग सिंचाई में भेजा गया था। लेकिन आरपी सिंह ने बार-बार आदेश के बावजूद वहां कार्यभार नहीं संभाला। इस पर सिंचाई विभाग ने आपत्ति दर्ज करते हुए कार्रवाई की सिफारिश की थी। लंबे समय से इस पर फाइल चल रही थी और आखिरकार कार्रवाई हुई।
भ्रष्टाचार के आरोप और नाराजगी:
आरपी सिंह को सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नाराजगी के बाद मुख्य अभियंता पद से हटाया गया था। बेरोजगार संघ ने भी उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पूर्व में उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।
आगे की प्रक्रिया:
आरपी सिंह को फिलहाल प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा, लेकिन विभागीय सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से आदेशों की अवहेलना करने के चलते उन्हें राहत मिलना मुश्किल है।