शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से ऐतिहासिक वापसी, भारत के पहले ISS यात्री बने

शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से ऐतिहासिक वापसी, भारत के पहले ISS यात्री बने

दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से सफल वापसी हो गई है। लगभग 18 दिन के कक्षीय प्रवास और 23 घंटे की वापसी यात्रा के बाद उनका स्पेसएक्स ड्रैगन यान अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन हुआ।

जैसे ही अंतरिक्ष यान समुद्र में उतरा, पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। शुक्ला के माता-पिता भावुक हो गए और इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ट्वीट करते हुए कहा:

“मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, क्योंकि वह अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है।”

मिशन एक्सिओम-4 की समाप्ति

शुक्ला Axiom Space के AX-4 मिशन का हिस्सा थे। उनके साथ मिशन कमांडर पैगी व्हिट्सन (अमेरिका), स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कापू (हंगरी) भी सुरक्षित लौटे।

इस तरह, शुभांशु शुक्ला बने:

  • भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने ISS का दौरा किया।
  • राकेश शर्मा (1984) के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय

स्प्लैशडाउन से पहले की प्रक्रिया

  • यान ने ISS के हार्मनी मॉड्यूल से सुबह 7:15 बजे (EDT) अनडॉक किया।
  • 5.7 किमी की ऊंचाई पर ड्रोग पैराशूट और 2 किमी पर मेन पैराशूट्स खुले।
  • भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे यान प्रशांत महासागर में उतरा।

अब 7 दिन का पुनर्वास

स्प्लैशडाउन के बाद, शुभांशु और बाकी क्रू सदस्य एक 7-दिवसीय पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरेंगे, जिससे वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुरूप खुद को फिर से ढाल सकें।

अंतरिक्ष से शुक्ला का संदेश

आईएसएस से विदाई लेते समय शुक्ला ने कहा:

“यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही। मैं इसरो, नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस का तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूं। और हां, भारत अब भी ऊपर से पूरी दुनिया से सबसे बेहतर दिखता है।”

यह मिशन न केवल भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान ‘गगनयान’ की तैयारी को मजबूत करता है, बल्कि देश के लिए एक प्रेरणादायक उपलब्धि भी है।