उत्तराखंड के अस्पतालों में उत्तर प्रदेश से आने वाले मरीजों के लिए अब आयुष्मान भारत योजना का लाभ तभी मिलेगा जब उनके पास वैध श्रमिक कार्ड होगा। यह निर्णय फर्जी आयुष्मान कार्डों से हो रही धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित राज्य के अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों में रोजाना उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। अब तक ये मरीज आयुष्मान योजना के अंतर्गत बिना अतिरिक्त दस्तावेजों के इलाज करा लेते थे। लेकिन हाल के वर्षों में फर्जी कार्डों के माध्यम से मुफ्त इलाज कराने के कई मामले सामने आए, जिससे अस्पतालों को भुगतान नहीं मिला और सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.एस. बिष्ट के अनुसार, अब आयुष्मान पोर्टल पर तभी मंजूरी मिलेगी जब मरीज का श्रमिक कार्ड अपडेट होगा। दून अस्पताल में प्रतिदिन 65 से 70 मरीज आयुष्मान योजना के तहत भर्ती होते हैं, जिनमें से करीब 10 मरीज उत्तर प्रदेश से होते हैं।
नई व्यवस्था के अनुसार यदि यूपी से आने वाला कोई मरीज श्रमिक कार्ड नहीं दिखाता है, तो उसे निजी खर्च पर ही इलाज कराना होगा। हालांकि आपातकालीन मामलों में कुछ राहत दी जा सकती है।