Top Banner Top Banner
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना: देवप्रयाग-जनासू के बीच बनी देश की सबसे बड़ी रेल सुरंग, तय समय से पहले पूरा हुआ काम

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना: देवप्रयाग-जनासू के बीच बनी देश की सबसे बड़ी रेल सुरंग, तय समय से पहले पूरा हुआ काम

देहरादून। उत्तराखंड में महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना (125 किमी) के तहत देश की सबसे बड़ी रेल सुरंग का निर्माण कार्य तय समय से सवा साल पहले पूरा कर लिया गया है। देवप्रयाग और जनासू के बीच बनी यह सुरंग 14.57 किलोमीटर लंबी है और इसे पहली बार हिमालयी क्षेत्र में टनल बोरिंग मशीन (TBM) तकनीक से तैयार किया गया है।

रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) और एलएंडटी ने संयुक्त रूप से इस चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा किया। परियोजना का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को पूरी तरह तैयार करना है।

निर्माण के दौरान बड़ी चुनौती

एलएंडटी के टीबीएम ऑपरेटर बलजिंदर सिंह और राम अवतार सिंह राणा ने बताया कि सुरंग निर्माण के दौरान अचानक भूस्खलन हो गया। ऐसे में मशीन को सामान्य क्षमता 50-60 हजार किलो न्यूटन की जगह 1.3 लाख किलो न्यूटन पर चलाना पड़ा। 10 दिन तक दिन-रात 12-12 घंटे की शिफ्ट में लगातार काम किया गया, जिसके बाद यह बड़ी चुनौती पार की जा सकी।

पहली बार हिमालयी क्षेत्र में TBM का इस्तेमाल

यह सुरंग 16 अप्रैल 2025 को निर्धारित समय से 12 दिन पहले तैयार हो गई। खास बात यह रही कि हिमालयी क्षेत्र में रेलवे सुरंग के लिए पहली बार TBM तकनीक का उपयोग किया गया।

  • चंद्रभान भगत और संदीप मिश्रा की टीम ने 13.09 किमी डाउनलाइन सुरंग तैयार की, जो जून 2025 में पूरी हुई।
  • एलएंडटी के मुताबिक, परियोजना की कुल 30 किमी सुरंगों में से 70% TBM तकनीक से और बाकी 30% ड्रिल-ब्लास्ट तकनीक से बनाई गई हैं।

परियोजना का महत्व

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पूरी होने के बाद उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में यातायात सुगम होगा और कनेक्टिविटी को नई गति मिलेगी। साथ ही तीर्थाटन और पर्यटन को भी बड़ा लाभ मिलेगा।