नई टिहरी। टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक में संचालित एक एनजीओ का संचालक सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के नाम पर ठगी के जाल में फंस गया। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एनजीओ संचालक समेत चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक, भिलंगना ब्लॉक के नैलचामी गांव में एक एनजीओ के माध्यम से निजी महाविद्यालय संचालित किया जा रहा है। महाविद्यालय के प्रबंधक कनकपाल को ठगों ने सीएसआर मद से फंड देने के नाम पर संपर्क किया और उनके बैंक खाते का विवरण मांगा। इसके बाद एनजीओ के खाते में 2.50 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की गई।
कुछ दिन बाद ठगों ने कनकपाल को दिल्ली बुलाकर वही रकम विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा दी। बाद में पता चला कि यह रकम एक सेवानिवृत्त महिला बैंकर से ठगी गई थी, जिन्हें ठगों ने छह हफ्ते तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 22.92 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कनकपाल धन मिलने के लालच में ठगों के झांसे में आ गया। वह अपने गांव का ग्राम प्रधान भी है। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस टीम ने हाल ही में कनकपाल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
टिहरी के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि — “बिना किसी लालच के कोई किसी के खाते में इतनी बड़ी रकम नहीं डालता, ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इस गिरफ्तारी के संबंध में अभी दिल्ली पुलिस ने उनसे औपचारिक संपर्क नहीं किया ।