देहरादून: उत्तराखंड की प्राकृतिक धरोहर को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। देवभूमि की दो अनमोल धरोहरें — बेड़ू फल और बद्री गाय का घी — को अब भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication – GI) टैग प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि प्रदेश की परंपरा, जैविक विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को नया गौरव प्रदान करती है।
बेड़ू फल, जिसे स्थानीय लोग पहाड़ी अंजीर के नाम से जानते हैं, अपने पोषक तत्वों और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह फल पहाड़ों की बगियाओं और जंगलों में स्वाभाविक रूप से उगता है। GI टैग मिलने से अब इस फल की बाजार में विशिष्ट पहचान बनेगी, जिससे स्थानीय किसानों और महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है।
वहीं, बद्री गाय का घी अपनी शुद्धता और औषधीय गुणों के लिए लंबे समय से जाना जाता है। यह घी उत्तराखंड की देसी बद्री नस्ल की गायों से प्राप्त होता है, जिनके दूध में A2 प्रोटीन पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक है। GI टैग मिलने से इस उत्पाद की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांग और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपलब्धि न केवल उत्तराखंड के जैविक उत्पादों की पहचान को मजबूत करेगी, बल्कि पहाड़ी किसानों की आय में भी वृद्धि करेगी। साथ ही, यह राज्य की परंपरा, संस्कृति और प्राकृतिक संपदा को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाने का कार्य करेगी।
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