Top Banner
चमोली में भालू की दहशत कम करने को जिला पंचायत का अनोखा प्रयोग, ‘डेंजर’ दवाई का किया वितरण

चमोली में भालू की दहशत कम करने को जिला पंचायत का अनोखा प्रयोग, ‘डेंजर’ दवाई का किया वितरण

चमोली। जिले में लगातार बढ़ रही भालू की दहशत से ग्रामीणों को राहत दिलाने के लिए जिला पंचायत चमोली ने एक अभिनव पहल शुरू की है। भालू को आबादी क्षेत्रों से दूर रखने के उद्देश्य से ग्रामीण इलाकों में ‘डेंजर’ नामक दवाई का वितरण किया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि इस दवाई का गांवों की सीमाओं और आम रास्तों पर छिड़काव करने से भालू आबादी की ओर आने से बचेंगे।

जिला पंचायत ने दवाई के प्रभावी उपयोग के लिए 60 छिड़काव मशीनें भी क्रय की हैं। यह दवाई तरल और दानेदार गोली, दोनों रूपों में उपलब्ध है। इसकी तेज दुर्गंध के कारण भालू रास्ता बदल लेते हैं और मानव बस्तियों से दूर रहते हैं।

गौरतलब है कि चमोली जिले में नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक भालू का आतंक बना हुआ है। अब तक बदरीनाथ और केदारनाथ वन प्रभाग क्षेत्र में भालू चार लोगों की जान ले चुका है, जबकि करीब 24 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 100 से अधिक मवेशियों को भी भालू अपना शिकार बना चुका है। हालात ऐसे हैं कि कई गांवों में लोग शाम ढलते ही घरों में कैद होने को मजबूर हैं।

भालू की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए पहले ग्रामीण पैदल मार्गों की झाड़ियों का कटान भी कराया गया, लेकिन इसके बावजूद समस्या कम नहीं हुई। इसके बाद जिला पंचायत ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नंदानगर विकासखंड की 10 ग्राम पंचायतों में ‘डेंजर’ दवाई और छिड़काव मशीनों का वितरण किया। जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट की पहल पर यह प्रयोग शुरू किया गया है।

अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत तेज सिंह ने बताया कि दवाई का छिड़काव गांवों की सीमाओं और प्रमुख रास्तों पर किया जाएगा। यदि पायलट प्रोजेक्ट के परिणाम सकारात्मक रहे, तो इसे जनपद के सभी गांवों में लागू किया जाएगा।

विकास भवन परिसर में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने ग्रामीणों को ‘डेंजर’ दवाई के पैकेट वितरित किए। उन्होंने कहा कि जनपद के कई ग्रामीण क्षेत्र जंगली जानवरों की समस्या से प्रभावित हैं और यह पहल किसानों व ग्रामीणों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को दवाई के सही और सुरक्षित उपयोग के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए हैं।

जिला पंचायत की इस पहल से ग्रामीणों को भालू के आतंक से राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।