दिल्ली: भारत सरकार ने कॉपीराइट (संशोधन) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है। यह संसोधन जी एस आर 225 (ई) के तहत दिनांक 30 मार्च, 2021 को किया है। वर्तमान में कॉपीराइट के लिए कॉपीराइट अधिनियम, 1957 और कॉपीराइट नियम, 2013 कानून हैं। कॉपीराइट नियम 2013 में वर्ष 2016 में अंतिम बार संशोधित किया गया था।
मौजूदा नियमों में संशोधन अन्य कानूनों के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से किया गया हैं। उक्त संशोधन का उद्देश्य कॉपीराइट कार्यालय में कार्य और संचार के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को प्राथमिक मोड के रूप में अपनाना है। इससे माजूदा डिजिटल युग में तकनीकी प्रगति के सन्दर्भ में सुचारू और बाधारहित अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
नए नियमों से जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा
कॉपीराइट पत्रिका के प्रकाशन के बारे में एक नया प्रावधान शामिल किया गया है, जिससे आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। उक्त पत्रिका कॉपीराइट कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
नए प्रावधान में रॉयल्टी राशियों के वितरण का समाधान तथा रॉयल्टी संग्रह व वितरण के दौरान इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियों के उपयोग की भी सुविधा प्राप्त होगी। साथ ही कॉपीराइट कार्य आदि कि जवाबदेही और पारदर्शिता को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
सरकार का कहना है कि कॉपीराइट सोसाइटी के काम-काज में पारदर्शिता को सुदृढ़ करने के लिए नया नियम पेश किया गया है। कॉपीराइट सोसाइटी को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट तैयार कर उसे सार्वजनिक किया जाना आवश्यकता होगा।
साथ ही उक्त संशोधनों से कॉपीराइट नियमों का वित्त अधिनियम – 2017 के प्रावधानों के साथ सरल सामंजस्य बन गया है, और कॉपीराइट बोर्ड का अपीलीय बोर्ड में विलय कर दिया गया है।
संशोधन में सॉफ़्टवेयर आदि के पंजीकरण की आवश्यकताओं को काफी कम कर दिया गया है। जिसमें आवेदक सोर्स कोड के पहले 10 और अंतिम 10 पृष्ठों, या पूरे सोर्स कोड को दर्ज कर सकता है यदि कोड 20 पृष्ठ से काम हो।
इसके आलावा कॉपीराइट सोसाइटी के पंजीकरण हेतु आवेदन का जवाब देने की समय-सीमा को बढाकर 180 दिन कर दिया गया है, ताकि आवेदन की अधिक व्यापक जांच की जा सके।
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