डिजिटल मीडिया के नये आईटी नियमों पर रोक लगाने से अदालत का इनकार

डिजिटल मीडिया के नये आईटी नियमों पर रोक लगाने से अदालत का इनकार

रेनबो न्यूज़ इंडिया * 28 जून 2021

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि वह इस समय ऐसा आदेश पारित करने के लिए याचिकाकर्ताओं से सहमत नहीं है। ‘फॉउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म’, ‘द वायर’, क्विंट डिजिटल मीडिया लिमिटेड और ‘ऑल्ट न्यूज’ चलाने वाली कंपनी प्रावदा मीडिया फॉउंडेशन ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली, 2021 पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

इन कंपनियों का कहना था कि उन्हें एक ताजा नोटिस जारी किया गया है जिसके तहत उन्हें नियमों का पालन करना होगा अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अवकाश पीठ ने कहा कि उक्त कंपनियों को केवल अधिसूचना का पालन करने के लिए नोटिस जारी किया गया था जिस पर कोई रोक नहीं है।

पीठ ने कहा, “हम आपसे सहमत नहीं हैं। आप चाहते हैं तो हम एक विस्तृत आदेश जारी कर देंगे या यदि आप चाहते हैं तो हम इसे रोस्टर पीठ के सामने दोबारा अधिसूचित कर देंगे। अनुदेश लेने के बाद आप हमें बता दीजिये।” उक्त कंपनियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने अदालत से अनुरोध किया कि अवकाश के बाद अदालत खुलने पर मामले को सूचीबद्ध किया जाए।

अदालत ने रोक लगाने के आवेदनों को रोस्टर पीठ के समक्ष सात जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। इस बीच आईटी नियमों की वैधता को लेकर प्रावदा मीडिया फॉउंडेशन की ओर से दायर नई याचिका पर अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

जानिये- क्या हैं नए आईटी नियम?

  • सोशल मीडिया कंपनियों के लिए 21 फरवरी 2021 को भारत सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी है।
  • अगर कोई गलत या फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था।
  • नए आइटी नियम के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना होगा।
  • नए आइटी नियमों में शिकायत को अपडेट देने के लिए 15 दिनों समयसीमा भी तय की गई है। इसके साथ ही कंपनियों को पूरे सिस्टम पर नजर रखने के लिए स्टाफ रखने को कहा गया है।
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