२२-२३ अप्रैल को डिजिटल माध्यम से होगी शिखर बैठक
रेनबो समाचार * 3 अप्रैल 2021
दिल्ली। जलवायु मुद्दे पर एक अहम शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने भारत को निमंत्रण भेजा। निमंत्रण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार कर लिया है। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि बैठक डिजिटल माध्यम से 22-23 अप्रैल 2021 को आयोजित किया जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को जलवायु मुद्दे पर नेताओं की अंतरास्ट्रीय शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है।
अरिंदम बागची विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया ब्रीफिंक में कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की पहल का स्वागत कर निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत विश्व के 40 नेताओं को आमंत्रित किया है। इस शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को निमंत्रण नहीं मिला है।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26 – 1 -12 November 2021)
यह शिखर सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर वार्ता करने हेतु आयोजित की जा रही हैं । सम्मेलन का उदेश्य जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने एवं इसके महत्व को रेखांकित करना है। व्हाइट हाउस ने बताया कि यह बैठक इस साल नवंबर में ग्लासगो में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (United Nations Climate Change Conference) के लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी होगी।
व्हाइट हाउस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 40 नेताओं को आमंत्रित किया है। जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आदि शामिल हैं। बैठक का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
इन नेताओं के अलावा दक्षिण एशिया से बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग को भी सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन और सीओपी26 का मुख्य लक्ष्य वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के प्रयासों को गति देना है।
उसने कहा कि इस सम्मेलन में इन उदाहरणों को भी रेखांकित किया जाएगा कि जलवायु महत्वाकांक्षा से अच्छे वेतन वाली नौकरियां कैसे पैदा होती हैं, नवोन्मेषी तकनीक विकसित करने में कैसे मदद मिलती है और कमजोर देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अनुसार ढलने में कैसे सहायता मिलती है। व्हाइट हाउस ने कहा कि शिखर सम्मेलन के आयोजन से पहले अमेरिका पेरिस समझौते के तहत अपने नए राष्ट्रीय निर्धारित योगदान के रूप में महत्वाकांक्षी 2030 उत्सर्जन लक्ष्य की घोषणा करेगा। इस सम्मेलन में वे 17 देश भाग लेंगे, जो वैश्विक स्तर पर 80 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं और वैश्विक जीडीपी में उनकी 80 प्रतिशत भूमिका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत कैरी आ रहे भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन से जुड़े मामलों पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जॉन कैरी 5-8 अप्रैल तक भारत की यात्रा पर रहेंगे, जिसमें वह जलवायु मुद्दे पर नेताओं की आगामी शिखर बैठक सहित पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। बागची ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी 5-8 अप्रैल तक भारत की यात्रा पर आ रहे हैं जिसमें वह जलवायु मुद्दे पर नेताओं की आगामी शिखर बैठक सहित पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत यात्रा के दौरान कैरी यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा वित्त मंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री, ऊर्जा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊजा मंत्री आदि से भी मुलाकात करेंगे ।
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