रेनबो न्यूज़ इंडिया * 31 जनवरी 2022
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को देश के विकास की लंबी यात्रा में ‘सामूहिक उपलब्धियों’ के रूप में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, कृषि उत्पादों की रेकॉर्ड खरीद, महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रयासों और आंतरिक सुरक्षा में सुधार जैसे अनेक कदम गिनाए।
संसद बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति ने किया संबोधित
संसद के बजट सत्र के पहले दिन केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने फरवरी महीने विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में सरकार की पहलों का उल्लेख करते हुए गोवा में मुक्ति संग्राम के योद्धाओं के स्मारक के उद्घाटन, उत्तराखंड के जोलिंग कोंग जैसे दूरस्थ गांव को आधुनिक सड़क से जोड़ने, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में देश के सबसे बड़े हवाई अड्डे के निर्माण से लेकर संघर्षग्रस्त अफगानिस्तान से पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब के दो स्वरूपों को सुरक्षित भारत लाये जाने जैसे कदमों को रेखांकित किया।
अपने करीब 50 मिनट के अभिभाषण में राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, और भारत में भी हमारे बहुत से अपनों को हमसे छीना है। इन परिस्थितियों में केंद्र से लेकर राज्यों तक – हमारी सभी सरकारों, स्थानीय शासन और प्रशासन, हमारे डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों, हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों – सभी ने, एक टीम के रूप में काम किया है।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में नजर आया है। कोविंद ने कहा, ‘‘हमने एक साल से कम समय में कोविड रोधी टीकों की 150 करोड़ से भी ज्यादा खुराक लगाने का रिकॉर्ड पार किया। आज हम पूरी दुनिया में कोविड टीकों की सबसे ज्यादा खुराक देने वाले अग्रणी देशों में से एक हैं।’’
कोविंद ने कहा कि आज देश में 90 प्रतिशत से अधिक वयस्क नागरिकों को टीके की एक खुराक मिल चुकी है, जबकि 70 प्रतिशत से अधिक लोग दोनों खुराक ले चुके हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि अब तक देश में कुल आठ टीकों को आपात उपयोग के लिए स्वीकृति मिल चुकी है और भारत में बन रहे तीन टीकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी भी मिली है।
कोविंद ने कहा, ‘‘भारत में बन रहे ये टीके पूरी दुनिया को महामारी से मुक्त कराने और करोड़ों लोगों का जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।’’
राष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र में हुए विकास का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र में देश की सतत सफलता और बढ़ते सामर्थ्य का सबसे बड़ा श्रेय, मैं, देश के छोटे किसानों को देना चाहता हूँ। देश के 80 प्रतिशत किसान छोटे किसान ही हैं, जिनके हितों को मेरी सरकार ने हमेशा केंद्र में रखा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस निवेश से कृषि क्षेत्र में आज बड़े बदलाव दिखाई दे रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना में नए बदलावों का लाभ भी देश के छोटे किसानों को हुआ है। उन्होंने कहा कि इन बदलावों के बाद से अब तक आठ करोड़ से अधिक किसानों को मुआवजे के तौर पर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी जा चुकी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक महामारी के बावजूद साल 2020-21 में हमारे किसानों ने 30 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्न और 33 करोड़ टन से अधिक बागवानी उत्पादों की पैदावार की। उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि सरकार ने रेकॉर्ड उत्पादन को ध्यान में रखते हुए रेकॉर्ड सरकारी खरीद की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि रबी की फसल के दौरान 433 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई जिससे लगभग 50 लाख किसानों को सीधा फायदा पहुंचा है। खरीफ की फसल के दौरान रेकॉर्ड लगभग 900 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई जिससे एक करोड़ तीस लाख किसान लाभान्वित हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के प्रयासों से देश का कृषि निर्यात भी रेकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है। वर्ष 2020-21 में कृषि निर्यात में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। यह निर्यात लगभग 3 लाख करोड़ रुपए पहुँच गया है।’’
रक्षा क्षेत्र की चर्चा करते राष्ट्रपति ने कहा, कोविंद ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य है कि हमारी सेनाओं की जरूरत का सामान भारत में ही विकसित हो तथा भारत में ही निर्मित हो।’’ साथ ही कहा कि तेजी से विकसित हो रही ड्रोन प्रौद्योगिकी और इससे जुड़ी संभावनाओं को लेकर भी सरकार सजग और सक्रिय है।
87 प्रतिशत उत्पादों में ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता दी गई
कोविंद ने कहा कि 2020-21 में सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए जो भी स्वीकृतियां प्रदान की गईं, उनमें 87 प्रतिशत उत्पादों में ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता दी गई। इसी प्रकार 2020-21 में 98 प्रतिशत उपकरणों से जुड़े अनुबंधों में ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता दी गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेनाओं ने 209 ऐसे साजो-सामान की सूची भी जारी की है जिन्हें अब विदेश से नहीं खरीदा जाएगा। रक्षा उपक्रमों द्वारा 2800 से ज्यादा ऐसे उपकरणों की सूची ज़ारी की जा चुकी है जिनका देश में ही निर्माण किया जायेगा।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एचएलए)के निर्माण के लिए अनुबंध किए गए हैं।
उन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर देश में रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘महिला सशक्तीकरण मेरी सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उज्ज्वला योजना की सफलता के हम सभी साक्षी हैं। “मुद्रा” योजना के माध्यम से हमारे देश की माताओं-बहनों की उद्यमिता और कौशल को बढ़ावा मिला है। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” पहल के अनेक सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, और स्कूलों में प्रवेश लेने वाली बेटियों की संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हुई है।’’
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया, ‘‘बेटे-बेटी को समानता का दर्जा देते हुए मेरी सरकार ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरूषों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया है।’’
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