Politics: स्वयं को सीएम बनाने की मन्नत मांगने वाले हरीश अब क्यूँ यशपाल आर्य को विकल्प बता रहे हैं? पढ़िए…

Politics: स्वयं को सीएम बनाने की मन्नत मांगने वाले हरीश अब क्यूँ यशपाल आर्य को विकल्प बता रहे हैं? पढ़िए…

हरीश रावत ने बद्री केदार में स्वयं को सीएम बनाने की मांगी थी मन्नत: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता

देहरादून। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कॉंग्रेस और उनके वरिष्ठ नेताओं की नीयत में ही खोट है, क्यूंकि कल तक भगवान बद्री केदार के दरबार में खुद को सीएम बनाने की सार्वजनिक मन्नत मांगने वाले हरीश रावत, समाज को बरगलाने के लिए आज यशपाल आर्य को राज्य संभालने के लिये बेहतर विकल्ल्प बता रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सबने देखा, किस तरह रावत जी स्वयं को कॉंग्रेस पार्टी का सीएम चेहरा घोषित करवाने के लिए अपने आलाकमान के दरबार में माथा टेक रहे थे। यहाँ तक कि उन्होने चेहरा नहीं बनाए जाने पर नए साल में सन्यास पर निर्णय लेने की घोषणा तक कर डाली थी। साथ ही उन्होंने कहा कि अब लालकुंआ में अपनी हार होती देखकर यशपाल आर्य की तारीफ कर दलित और पिछड़े समाज के मतदाताओं को भरमाने का कार्य कर रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उत्तराखंड की महान जनता हरीश रावत और कॉंग्रेस की मंशा को भाँप चुकी है लिहाजा न वह उनके ब्राहमण आयोग बनाने और न ही यशपाल आर्य को आगे कर दलित और पिछड़े समाज को प्रभावित करने वाली उनकी चाल के झांसे में आएगी। प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि कल तक यशपाल आर्य को लोकतन्त्र के हत्यारों में घोषित करने वाले हरीश रावत उनका नाम आगे वहीं करते हैं जहां अनुसूचित वर्ग के वोटरों की बहुतायात होती है।

उन्होने राहुल गांधी के हरिद्वार दौरे पर सवाल करते हुए कहा कि राहुल गांधी कितनी भी डुबकी गंगा जी में लगा लें उनके हिन्दू और हिन्दुत्व को लेकर किए पाप नहीं धुलने वाले। उत्तराखंड की जनता उनके नकली जनेऊ धारी के असली रूप को पहचान चुकी है।

उन्होने कहा, कॉंग्रेस का दोगला चेहरा एक बार फिर सामने आया है क्योंकि जो कॉंग्रेस बांग्लादेशी घुसपेठियों को बाहर निकालने को लेकर भाजपा पर सवाल करते हैं, उनके नेता बताए कि जब एनआरसी कानून का मसला सामने आया था तो उन्होने सदन के अंदर और बाहर विरोध क्यूँ किया था। जब पड़ोसी देशों के हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदाय से पीड़ित लोगों को देश में शरण देने की बात आई तो यही कॉंग्रेस बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी शरणार्थियों में शामिल करने के लिए आंदोलन कर रही थी।