लाइफ साइंसेज विभाग द्वारा चैलेंजेस एंड ऑपर्चुनिटी ऑफ़ सीरियल्स एंड पल्सेस इन्ग्रेडिएन्ट्स इन फ़ूड प्रोडक्ट डेवलपमेंट विषय पर वेबिनार का आयोजन
कृषि उत्पादकता और सतत खाद्य उत्पादन भुखमरी को कम करने का एकमात्र तरीका है। लगातार बढ़ती मानव आबादी को पोषित करने के लिए वैश्विक खाद्य और कृषि प्रणाली में व्यापक बदलाव की आवश्यकता है। जीरो हंगर के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु एक कदम आगे बढ़ाने के लिए खाद्य प्रौद्योगिकी और पोषण (लाइफ साइंसेज विभाग), ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी देहरादून ने 17 सितंबर 2022 को एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया। जिसका विषय था “चैलेंजेस एंड ऑपर्चुनिटी ऑफ़ सीरियल्स एंड पल्सेस इन्ग्रेडिएन्ट्स इन फ़ूड प्रोडक्ट डेवलपमेंट”।
वेबिनार की शुरुआत ग्राफिक एरा के कुलपति प्रो० संजय जसोला के वेलकम नोट से हुई। साथ ही प्रख्यात वक्ताओं, शोधकर्ताओं, विभाग के सभी सदस्यों एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों का स्वागत किया।
डॉ० पंकज गौतम, विभागाध्यक्ष, लाइफ साइंसेज विभाग ने विभाग में चल रहे पाठ्यक्रम, अनुसंधान परियोजनाओं, एवं विभाग की उपलब्धियों का अवलोकन किया। उन्होंने वेबिनार के प्रख्यात वक्ताओं – प्रो० नरपिंदर सिंह – गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर; प्रो० भूपेंद्र सिंह खटकर, गुरु जम्भेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार; प्रो० एच. प्रताप कुमार शेट्टी, पांडिचेरी विश्वविद्यालय; और डॉ० मनोज कुमार त्रिपाठी, आईसीएआर-सीआईएई, भोपाल का परिचय दिया।
वेबिनार के मुख्य वक्ता प्रो० नरपिंदर सिंह, स्टार्च और प्रोटीन रसायन विज्ञान के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने बढ़ती आबादी के लिए सतत खाद्य उत्पादन के महत्व पर विचार व्यक्त किये, साथ ही खाद्य उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने, उद्यमशीलता के अवसर, और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार किया जो की उपभोक्ता की अपेक्षाओं को प्राप्त करने में उपयुक्त होते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे जलवायु परिवर्तन विभिन्न फसलों के उत्पादन और प्रसंस्करण विशेषताओं को प्रभावित करता है।
प्रो० भूपेंद्र सिंह खटकर ने “स्ट्रक्चर एंड फंक्शनलिटी ऑफ़ वीट ग्लूटेन प्रोटीन्स ” पर एक विशेषज्ञ नोट दिया। प्रो० एच प्रताप कुमार शेट्टी ने “फेरमेंटशन एस अ टूल फॉर न्यूट्रिशनल एनहांसमेंट ऑफ़ सीरियल- बेस्ड प्रोडक्ट्स” पर अपनी विशेषज्ञ राय साझा की।
डॉ० मनोज कुमार त्रिपाठी ने “पोटेंशियल रोल ऑफ़ पल्सेस इन डेवलपमेंट ऑफ़ फंक्शनल फूड्स” पर प्रकाश डाला।
भारत भर से कुल 420 प्रतिभागियों ने वेबिनार के लिए पंजीकरण कराया। वेबिनार में 2 तकनीकी सत्रों के साथ देश के दस से अधिक संस्थानों के छात्रों और शोधार्थियों ने शोध प्रस्तुति प्रतियोगिता में सक्रिय रूप से भाग लिया।
डॉ० बिंदु नाइक, सहायक प्रोफेसर, खाद्य प्रौद्योगिकी और पोषण ने वेबिनार पर समापन टिप्पणी दी। डॉ० विनोद कुमार, समन्वयक, खाद्य प्रौद्योगिकी और पोषण द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
डॉ० पंकज गौतम एवं डॉ० विनोद कुमार के सहयोग से पूरे कार्यक्रम का आयोजन – डॉ० बिंदु नाइक, डॉ० संजय कुमार, इंजीनियर भावना बिष्ट, सुश्री सलोनी जोशी, डॉ० अरुण कुमार गुप्ता और डॉ० अंकिता डोभाल के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के सभी आयोजकों ने प्रो० कमल घनशाला, अध्यक्ष, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी को वेबिनार आयोजित करने में उनके प्रोत्साहन और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
Related posts:
- दोगने कुर्कुमिन युक्त हल्दी उत्पाद गाजणा ग्राफ़िक एरा में लांच, पहाड़ों में हल्दी उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
- यूसर्क: वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट थ्रू रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस टैकनिक्स विषय पर व्याख्यान
- ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी को मिले डॉ० जे कुमार नये कुलपति, प्रो० डॉ० जसोला ग्राफिक एरा डीम्ड में डीजी नियुक्त
- कोटद्वार महाविद्यालय में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं के नामों की घोषणा
- ग्राफिक एरा में विज्ञान व प्रौद्योगिकी कांग्रेस, दूसरे दिन चुनौतियों का तकनीकी शोध से मुकाबला करने पर चर्चा
- कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य और खाद्य आयुक्त के बीच ठनी, CM धामी तक पहुंचा मामला…