नैनीताल हाईकोर्ट ने वन दरोगा के 316 पदों की भर्ती मामले में एकलपीठ के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें एकलपीठ ने वन दरोगा भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ के इस आदेश के बाद वन दरोगा भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार एकलपीठ ने 22 जून 2023 को अंतरिम आदेश जारी कर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से संचालित फॉरेस्टर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को कुछ उम्मीदवारों ने खंडपीठ में चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि आयोग ने फॉरेस्टर के 316 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की और अप्रैल 2021 में लिखित परीक्षा भी कराई लेकिन इसी बीच यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला सामने आया। विशेष कार्य बल (एसआईटी) ने मामले की जांच के बाद नकल करने वाले कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। परीक्षा में बड़े स्तर पर नकल की पुष्टि के बाद आयोग ने पूरी भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर दिया।
साथ ही नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी। लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए सफल उम्मीदवारों का चयन भी कर लिया गया। इस दौरान कुछ उम्मीदवार हाईकोर्ट पहुंच गए और यूकेएसएसएससी के कदम को चुनौती देते हुए नई भर्ती प्रक्रिया को खारिज करने की मांग की। इस पर एकलपीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। एकलपीठ के इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने एकलपीठ के इस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसके बाद अब भर्ती प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है।
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