देहरादून। व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल भैयादूज के त्योहार पर बहनों से टीका करवाने उनके घर पहुंचे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉक्टर घिल्डियाल सुबह 9:00 बजे देहरादून से चलकर सीधे ज्योतिर्मय आश्रम हरिद्वार पहुंचे वहां पर भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति पर आयोजित कार्यक्रम का मुख्य अतिथि के रूप में शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और सभ्यता अनादिकाल से इसलिए चल रही है, क्योंकि इसमें धार्मिकता एवं आध्यात्मिकता का समावेश है, उन्होंने कहा कि भारतीय नक्षत्र विज्ञान बहुत पुराना है, और उसके आधार पर मानवीय सभ्यता एवं चरणबद्ध विकास के समस्त चरणों का आकलन किया जा सकता है।
आश्रम के परम अध्यक्ष स्वामी विशेश्वरानंद ने उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य घिल्डियाल का स्वागत करते हुए कहा कि उनके संरक्षण में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का ज्योतिष के रूप में पूरे अंतरराष्ट्रीय जगत में आज परचम लहराने लगा है ।
सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर घिल्डियाल रुड़की लक्सर में मानव सभ्यता एवं संस्कृति संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे वहां पर भी उन्होंने भारतीय सभ्यता के मूल में नक्षत्र विज्ञान को बतायाऔर कहा कि वर्तमान में प्रदेश एवं केंद्र की सरकार जिस प्रकार से विशेष लक्ष्य को लेकर जिस तेजी से कार्य कर रही है,वह दिन दूर नहीं है जब भारत पूरे विश्व का फिर से नेतृत्व करेगा।
इसके बाद वह सपरिवार सीधे हरिपुर कला में अपने बहनोई आचार्य श्यामलाल गौड़ के आवास पर पहुंचे और बहन रानी गौड़ से भैया दूज का टीका कराया, और उन्हें उपहार भेंट किया ।
सायंकाल ठीक 4:30 बजे उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सीधे रायवाला में नरसिंह वाटिका आश्रम पहुंचे, और वहां पर प्रतीक्षारत नरसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज से भेंट कर उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्हें कथावाचक के रूप में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के लिए साधुवाद दिया, इसके बाद साइन कल 7:00 बजे वह राजधानी देहरादून लौट गए ।