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निजी सुरक्षा पर ध्यान जरूरी, ग्राफिक एरा में ऑटोमेशन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

निजी सुरक्षा पर ध्यान जरूरी, ग्राफिक एरा में ऑटोमेशन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

देहरादून, 14 मार्च। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर निदेशक डॉ० के० के० सौन्द्रा पांडियन ने कहा कि देश के युवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों को समझ कर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं।

डॉ० के० के० सौन्द्रा पांडियन आज ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। ऑटोमेशन एंड कंप्यूटिंग ऑटोकॉम विषय पर इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। डॉ० पांडियन ने कहा कि नयी तकनीकें हमारे जीवन को आसान तो बनाती हैं लेकिन इसके उपयोग में लापरवाही बरतने से व्यक्तिगत सुरक्षा का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने निजी सुरक्षा बनाए रखने के लिए क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करने की बात कही। उन्होंने बताया कि इन तकनीकों को अपनाने के लिए क्वांटम मिशन के तहत राष्ट्रीय स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं।

सम्मेलन में कुलपति डॉ० संजय जसोला ने कहा कि पिछले दो दशकों में देश ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बहुत तरक्की की है। पहले इंटरनेट का इस्तेमाल चुनिंदा लोग ही कर पाते थे लेकिन वही इंटरनेट आज शहरों को गांवों और कस्बों से जोड़ने का कार्य कर रहा है। सम्मेलन में यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान के डॉ० सुधीर खरे, दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ० ओमपाल, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रो० करण सिंह और मालवीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जयपुर के प्रो० पिल्ली इमैनुएल शुभांकर‌ ने भी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। सम्मेलन के पहले दिन 20 से ज्यादा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

सम्मेलन का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग ने विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड और इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के साथ मिलकर किया। कार्यक्रम में प्रो वाइस चांसलर प्रो० आर० गौरी, एचओडी प्रो० दिव्यांश बोरदोलोई, अन्य पदाधिकारी, शिक्षक शिक्षिकाएं और सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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