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भविष्य सुधारेंगी नई संचार तकनीकें, ग्राफिक एरा में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

भविष्य सुधारेंगी नई संचार तकनीकें, ग्राफिक एरा में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

देहरादून, 16 मार्च। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने संचार तकनीकी के प्रौद्योगिकी विकास पर मंथन किया। यह दो दिवसीय सम्मेलन इंटेलिजेंस कंप्यूटिंग एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजीज पर आयोजित किया गया। 

सम्मेलन में बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी रांची के डॉ० संजय कुमार ने कहा कि संचार तकनीकी की सीमाएं घट रही हैं। आने वाले समय में 6G तकनीक के जरिए संचार में सुनने व देखने के साथ ही छूने, सूंघने और स्वाद लेने की शारीरिक क्षमताओं का भी इस्तेमाल करना संभव हो जाएगा। 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के डॉ० कुमार वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि वायरलेस सिस्टम में माइमो एंटीना का उपयोग उच्च डाटा दर, सिग्नल गुणवत्ता और बेहतर कवरेज प्राप्त करने के लिए किया जाता है। उन्होंने माइमो एंटीना की कार्य प्रणाली पर भी विस्तार से जानकारी दी।

सम्मेलन में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के डॉ० सुमित कुमार मंडल ने मशीन लर्निंग एप्लीकेशन के लिए ऊर्जा कुशल 2.5d आर्किटेक्चर पर व्याख्यान दिया। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका के हर्ष शर्मा ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर डाटा संचालित डिजाइन, फ्लोरेट् चिपसेट्स और न्यूरल नेटवर्क पर प्रकाश डाला। सम्मेलन के दूसरे दिन आज 60 से ज्यादा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

इस मौके पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया। ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन के डॉ० निकोला मार्चेटी ने कहा कि नई तकनीकों जैसे कि ड्रोन, इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग, प्रभावशाली परिवहन प्रणालियों और अन्य न्यूनतम तकनीक से भविष्य में जटिल संचार की चुनौतियों से निपटना आसान हो जाएगा। यह तकनीकें भविष्य में संचार के परिदृश्य में बड़े बदलाव करेंगी। 

सम्मेलन का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साथ मिलकर किया। सम्मेलन में एचओडी डॉ० इरफ़ानुल हसन के साथ डॉ० अभय शर्मा, डॉ० मृदुल गुप्ता और डॉ० चांदनी तिवारी भी मौजूद रही।

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