उधम सिंह नगर: उत्तराखंड में बारिश के दौरान सांप के काटने से कई लोगों की मौत की खबर सामने आई है। इसी बीच उधम सिंह नगर के वन विभाग ने ऐसी अनोखी पहल शुरू की है, जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है। अब सांप के काटने पर घबराने की जरूरत नहीं है, क्योकि सांप के काटने के बाद उसके जहर को खत्म करने की एंटीवेनम नामक दवा अब वन विभाग की चौकियों पर मिलेगी। जो कही न कही सांप के काटे हुए व्यक्ति के लिए जीवनदायिनी से कम नहीं होगी। वहीं उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर वन विभाग द्वारा इस बरसात के सीजन में सभी चौकियों पर एंटीवेनम दवा को रख दिया है।
डीएफओ तिवारी ने दी जानकारी
इस मामले में उमेश चन्द्र तिवारी डीएफओ तराई केंद्रीय वन विभाग, ऊधम सिंह नगर ने बताया कि बारिश के सीजन में सांप जमीन के ऊपर आ जाते हैं, जिससे खतरा बढ़ जाता है क्योंकि कई सांप जहरीले किस्म के होते हैं। इनके काटने से व्यक्तियों की मौत भी हो जाती है। इसके बाद वन विभाग ने अब अपनी वन चौकियों पर एंटीवेनम दवाई रख दी है, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। अब ये दवाई वन विभाग की हर चौकी पर मिलेगी।
किसी जीवनदायिनी से कम नहीं एंटीवेनम दवाई
वहीं अब उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर वन विभाग बड़ी जिम्मेदारी निभाता हुआ दिखाई दे रहा है। बता दें कि वन विभाग सभी वन विभाग की चौकियों पर एंटीवेनम दवाई उपलब्ध करवा रहा है। इसमें सांप के काटने वाले व्यक्ति को राहत मिलेगी। उसका जीवन भी बचाया जा सकता है। फिलहाल वन विभाग ने अपनी सभी चौकियों पर एंटीवेनम दवाई इस बरसात की सीजन से उपलब्ध करा दी गई है। जो कही न कही सर्पदंश वाले व्यक्ति के लिए किसी जीवनदायिनी से कम साबित नहीं होगी।
सांप काटने से देश भर में 46 हज़ार लोगों की मौत
दरअसल, बरसात के मौसम में तराई क्षेत्र में सांपों का निकलना आम हो गया है। घरों आदि में सांप के निकलने से अचानक ही कुछ सांप अपने पास इंसानों को पाकर आक्रामक हो जाते है और काट लेते है। इसके चलते लोगों को सही समय पर उपचार न मिल पाने से कई लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। सांप के काटने से देश भर में हर साल करीब 2.5 लाख सांप के काटने की घटनाएं होती हैं। इनमें से करीब 46 हज़ार लोगों की मौत हो जाती है। इसका मुख्य कारण जल्द उपचार व एंटीवेनम दवा न मिलना भी एक मुख्य कारण रहता है।