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प्रेमचंद जयंती की पूर्व संध्या पर हुकुम सिंह बोरा महाविद्यालय में सांस्कृतिक एवं शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन

प्रेमचंद जयंती की पूर्व संध्या पर हुकुम सिंह बोरा महाविद्यालय में सांस्कृतिक एवं शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन

आज दिनांक 30 जुलाई 2024 को हुकुम सिंह बोरा राज. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सोमेश्वर में, हिंदी विभाग तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वाधान में प्रेमचंद के जन्म दिवस- 31 जुलाई की पूर्व संध्या पर विभिन्न सांस्कृतिक एवं शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के लगभग 100 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर जगदीश प्रसाद एवम् डॉ सी पी वर्मा द्वारा संयुक्त रूप से ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ की गई।

इस अवसर पर हिंदी विभाग एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम आयोजन के उद्देश्य के बारे में बोलते हुए हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ अमिता प्रकाश ने प्रेमचंद के जीवन दर्शन एवं समाज में उनकी प्रासंगिकता पर सारगर्भित विचार रखे।

कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताते हुए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन अल्मोड़ा से आए श्री रवि उप्रेती जी ने प्रदर्शित पोस्टरो के माध्यम से एक ब्रेन स्टोर्मिंग सत्र छात्र छात्राओं के मध्य आयोजित किया। स्नातकोत्तर तृतीय सत्रार्ध की छात्रा लक्षिता लोहनी, पूजा बिष्ट, सपना, सौरभ, तनुजा, शंकर और बबीता आर्या ने न केवल पोस्टर के उद्धरणों पर अपने विचार व्यक्त किए बल्कि प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर भी विस्तृत जानकारी प्रदान की।

प्रेमचंद और भारतीय संविधान” विषय पर आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का संचालन अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से श्री संदीप जी द्वारा बड़े ही रोचक शैली में किया गया। इसके पश्चात प्रेमचंद की सुप्रसिद्ध कहानी कफ़न का वीडियो छात्र छात्राओं को दिखाया गया।

इस अवसर पर डॉ जगदीश प्रसाद, डॉ सी पी वर्मा ने भी उद्बोधन किया और कहा कि प्रेमचंद न केवल कथा सम्राट के रूप में ख्यात हैं, बल्कि उन्हें हिंदी पत्रकारिता, निबंध तथा अन्य समकालीन विमर्शों का जनक भी हैं। विभाग द्वारा आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी विद्यार्थियों को अत्यंत रुचिकर लगा। हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. विपिन चंद्र ने प्रेमचंद की कहानी कला को महात्मा गांधी के साथ 1915 से 1936 तक विविध कालखंडो के माध्यम से विद्यार्थियों के सम्मुख रखा ।

इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. जगदीश प्रसाद ने हिंदी विभाग एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन अल्मोड़ा को उत्कृष्ट कार्यक्रम हेतु हार्दिक बधाई एवं साधुवाद दिया।

कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. अमिता प्रकाश द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ राकेश पांडेय, डॉ विवेक कुमार आर्या डॉ कंचन वर्मा, डॉ सुनीता जोशी, डॉ नीता टम्टा, डॉ प्राची टम्टा, सुश्री हिमाद्रि, नीरज पांगती एवं डॉ मुकेश चंद्र आदि उपस्थित रहे।

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